Morgan Stanley On India: मॉर्गन स्टेनली ने भारत की रेटिंग अपग्रेड करते हुए कहा - मल्टी-ईयर बुल मार्केट की हो रही शुरुआत, चीन का दौर अब खत्म!
Morgan Stanley: मॉर्न स्टेनली ने भारत को अपग्रेड कर ओवरवेट किया है तो चीन को डाउनग्रेड कर अंडरवेट कर दिया है.
Morgan Stanley Bullish On India: दुनियाभर के बड़े निवेशकों के लिए भारत सबसे बड़ा डेस्टीनेशन के तौर पर उभरा है और अब वो ड्रैगन यानि चीन (China) को भी आने वाले दिनों में पीछे छोड़ने की क्षमता रखता है. ग्लोबल इवेंटमेंट बैकिंग फर्म मार्गन स्टेनली ( Morgan Stanley) ने अपने इमर्जिंग मार्केट ( Emerging Market) की सूची में भारत को अपग्रेड किया है जबकि चीन को उसे डाउनग्रेड कर दिया है. मार्गन स्टेनली ने भारत की रेटिंग को अपग्रेड करते हुए ओवरवेट ( Overweight) कर दिया है. भारत सीधे पांच स्थान ऊपर छलांग लगाते हुए हुए इमर्जिंग मार्केट की सूची में पहले स्थान पर आ चुका है.
लंबी अवधि की तेजी की शुरुआत
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक पॉजिटिव डेमोग्राफी ट्रेंड (Demographic Trend) के साथ भारत की प्रति व्यक्ति आय फिलहाल केवल 2500 डॉलर है जबकि चीन की 12,700 डॉलर है. मॉर्गन स्टेनली के एनालिस्ट ने कहा कि भारत लंबी अवधि की तेजी की शुरुआत के कगार पर खड़ा है जबकि चीन में ये तेजी अब खत्म होने जा रही है.
कोविड के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने भरी रफ्तार
मॉर्गन स्टेनली के एनालिस्ट के मुताबिक भारत हाउसहोल्ड डेट जीडीपी (GDP) का 19 फीसदी है जबकि चीन का 48 फीसदी है. साथ ही केवल 2 फीसदी भारतीय परिवार के पास ही लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ( Life Insurance Policy) उपलब्ध है. कोविड की बंदिशों के हटने के बाद भारत में मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) और सर्विस पीएमआई (Services PMI) में तेजी देखने को मिली है जबकि चीन में तेजी के साथ गिरावट देखने को मिली है. भारत में रियल एस्टेट ट्रांजेक्शन (Real Estate Transaction) में तेज उछाल देखने को मिला है.
मल्टी-ईयर बुल मार्केट में भारत कर रहा प्रवेश
मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि चीन का जीडीपी ग्रोथ रेट केवल 3.9 फीसदी रहने का अनुमान है वहीं भारत का जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रह सकता है. मॉर्गन स्टेनली का अर्थशास्त्री रिधम देसाई का मानना है कि भारत के मल्टी-ईयर बुल मार्केट में प्रवेश करने की तीन प्रमुख वजहें हैं जिसमें मैक्रो स्टैबिलिटी, शानदार ग्रोथ, जोखिम वाली पूंजी का विश्वसीय घरेलू सोर्स शामिल है.
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