बाजार नियामक सेबी ने डीमैट अकाउंट होल्डर्स और म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के लिए नॉमिनी ऐड करना अनिवार्य बना दिया है. हालांकि अभी भी स्थिति ऐसी है कि हर 4 में से 3 डीमैट अकाउंट होल्डर्स ने नॉमिनी ऐड नहीं किया है, जबकि अब डेडलाइन भी नजदीक है.


सिर्फ इतने डीमैट अकाउंट में नॉमिनी


सेबी ने इसी महीने नॉमिनेशन को लेकर एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया. पेपर के अनुसार, देशभर में 13 करोड़ 64 लाख सिंगल डीमैट अकाउंट्स में से 9.8 करोड़ यानी 72.48 फीसदी डीमैट खातों से नॉमिनेशन डिटेल गायब हैं. 69.73 फीसदी यानी 9.51 करोड़ डीमैट होल्डर्स ने जानबूझकर नॉमिनी की जानकारी नहीं दी है, जबकि 2.76 फीसदी यानी 37 लाख 58 हजार डीमैट अकाउंट होल्डर्स असमंजस में हैं. उन्होंने न तो नॉमिनी ऐड किया है और न ही नॉमिनेशन से बाहर निकलने का विकल्प चुना है.


म्यूचुअल फंडों में नॉमिनेशन की स्थिति


इसी तरह, 8.9 सिंगल म्यूचुअल फंड फोलियो यानी अकाउंट्स में से 85.82 फीसदी यानी 7 करोड़ 64 लाख फोलियो में नॉमिनी बनाए गए हैं, जबकि 14.18 फीसदी यानी 1.26 करोड़ फोलियो में नॉमिनेशन से बाहर रहने का विकल्प चुना गया है या असमंजस की वजह से न तो नॉमिनी डाला गया है और न ही नॉमिनेशन से बाहर रहने का विकल्प चुना गया है.


डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड दोनों के मामले में ऐसे लोगों की अच्छी-खासी संख्या है, जो नॉमिनी की डिटेल्स जानबूझकर नहीं देना चाहते यानी नॉमिनेशन से ऑप्ट आउट कर जाते हैं... या फिर ऐसे भी लोग हैं जिन्हें ये ही नहीं पता है कि नॉमिनी रखना चाहिए या नहीं. इन्वेस्टमेंट में नॉमिनी जोड़ना क्यों जरूरी है आइए जानते हैं...    


क्या है डीमैट-एमएफ नॉमिनेशन?


नॉमिनेशन एक प्रक्रिया है, जिसमें आप एक व्यक्ति को चुनते हैं, जो आपकी मौत होने पर आपकी संपत्ति यानी एसेट की देखभाल करता है. नियम के मुताबिक, नए डीमैट अकाउंट या म्यूचुअल फंड में नॉमिनेशन अनिवार्य है. किसी को नॉमिनी नहीं बनाना चाहते हैं तो फॉर्म में नॉमिनेशन ऑप्ट आउट का विकल्प चुनना होगा. पहले नॉमिनेशन अनिवार्य नहीं था, जिस वजह से कई लोग इसे स्किप यानी छोड़कर आगे बढ़ जाते थे.


नॉमिनी नहीं जोड़ने के क्या होंगे नतीजे?


नॉमिनी जोड़ना इसलिए जरूरी है कि ताकि निवेश करने वाले व्यक्ति के दुनिया में न रहने पर उसकी पूंजी सही हाथों में आसानी से पहुंचे. नॉमिनी कानूनी वारिस या कोई करीबी व्यक्ति हो सकता है. नॉमिनी के कानूनी वारिस यानी Legal Heir नहीं होने पर नॉमिनी एजेंट या ट्रस्टी के रूप में काम करके कानूनी वारिस को संपत्ति दिलाता है.


नॉमिनी ऐड नहीं करने पर दिक्कतें?


म्यूचुअल फंड में नॉमिनी न होने सूरत में कानूनी वारिसों या क्लेम करने वालों को अपने हिस्से की यूनिट ट्रांसफर कराने के लिए वसीयत, लीगल हेयर सर्टिफिकेट, दूसरे कानूनी वारिसों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जैसे तमाम दस्तावेज दिखाने पड़ते हैं. काफी सारे निवेशक वसीयत नहीं लिखते हैं. ऐसे में अगर नॉमिनी अपॉइंट न हो तो मृत निवेशक के परिवार को ये साबित करना होगा कि वे मरने वाले व्यक्ति के कानूनी वारिस हैं, जो काफी मुश्किल काम है.


कैसे अपडेट करें नॉमिनी?


नॉमिनेशन की प्रक्रिया आसान है. म्यूचुअल फंड में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से नॉमिनी जोड़ सकते हैं. ऑफलाइन मोड में आप फंड हाउस को फॉर्म में नॉमिनी की डिटेल भरकर दे सकते हैं. वहीं, ऑनलाइन में सीएएमएस की वेबसाइट www.camsonline.com पर जाकर एमएफ इन्वेस्टर्स सेलेक्ट करना है. इसके बाद नॉमिनेट नाउ के ऑप्शन पर क्लिक करके पैन नंबर डालना होगा. इसके बाद आपके सामने म्यूचुअल फंड्स अकाउंट्स की डिटेल्स आ जाएगी. अकाउंट पर क्लिक करके नॉमिनी रजिस्टर, चेंज या नॉमिनी हटा सकते हैं. ये काम म्यूचुअल फंड की वेबसाइट के जरिए भी हो सकता है.


डीमैट अकाउंट में कैसे करें नॉमिनी अपडेट?


डीमैट अकाउंट में नॉमिनी अपडेट करने के लिए एनएसडीएल की वेबसाइट https://nsdl.co.in/ पर जाकर डीमैट नॉमिनेट ऑनलाइन पर क्लिक करना है. डीपी आईडी, क्लाइंट आईडी और पैन एंटर करने पर डीमैट अकाउंट पर रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, जिसके बाद आप नॉमिनी की डिटेल भरकर आधार ओटीपी से नॉमिनेशन कर पाएंगे.


नॉमिनी ऐड करने की डेडलाइन?


म्यूचुअल फंड और डीमैट में नॉमिनेशन की डेडलाइन मार्च में ही समाप्त हो रही थी, लेकिन अब डेट बढ़ाकर 30 जून 2024 कर दी गई है. अगर आपने अब तक ये काम नहीं किया है तो जल्दी कर लें, वर्ना आपका डीमैट अकाउंट बंद हो जाएगा, म्यूचुअल फंड से पैसा नहीं निकाल पाएंगे. लोगों को म्यूचुअल फंड और डीमैट अकाउंट में ही नहीं, बल्कि बैंक अकाउंट, एफडी, प्रोविडेंट फंड, इंश्योरेंस पॉलिसी आदि में भी नॉमिनी अपडेट कराना चाहिए.


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