Most Expensive Stock: भारत के इतिहास में पहली बार, यह स्टॉक बन सकता है लखटकिया; कभी 11 रुपये पर था
Stock Market: भारतीय स्टॉक मार्केट में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी शेयर का प्राइस एक लाख के करीब पहुंचा है. यह स्टॉक कुछ साल पहले सिर्फ 11 रुपये पर लिस्ट हुआ था.
MRF Share Price: भारतीय स्टॉक मार्केट के सबसे महंगे शेयर में तेजी देखी जा रही है. यह स्टॉक 1 लाख रुपये के करीब पहुंच चुका है. अगर ये शेयर एक लाख पर या उसके पार पहुंचा है तो भारतीय स्टॉक मार्केट का यह पहला लखटकिया शेयर होगा. पिछले पांच दिनों में इस शेयर में 10 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई है.
वर्तमान समय में भारतीय स्टॉक मार्केट का सबसे महंगा शेयर MRF है. आठ मई यानी सोमवार को MRF के शेयर 0.27 फीसदी गिरकर 98,346 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था. वहीं दिन का इसका हाई लेवल 99,933.50 रुपये और सबसे कम 98,103.05 रुपये प्रति शेयर पर था.
52 हफ्तों के हाई लेवल पर पहुंचा ये स्टॉक
MRF के शेयर सोमवार को 98,620 रुपये प्रति शेयर पर ओपन हुए थे और कुछ समय बाद ही इसने एक साल के हाई लेवल पर टच करते हुए 99,933.50 रुपये पर पहुंच गया. पिछले एक महीने के दौरान इस स्टॉक ने 16.41 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है, जबकि एक साल के दौरान 42.77 फीसदी की उछाल आई है.
23 साल में जबरदस्त चढ़ा ये शेयर
साल 2000 में MRF के स्टॉक का भाव 1000 रुपये पर था, जो 2010 में तेजी से छलांग लगाते हुए 9 हजार रुपये प्रति शेयर पहुंच गया. वहीं 2014 में MRF के एक शेयर की कीमत 37 हजार रुपये के पार थी. 2016 में इसके शेयर 50 हजार रुपये पर पहुंच चुके हैं. 2018 में इसका एक स्टॉक 78 हजार के पार था. 2021 के दौरान टायर बनाने वाली इस कंपनी का स्टॉक पहली बार 92 हजार रुपये प्रति शेयर पर पहुंचा था और अब यह स्टॉक 1 लाख के करीब है.
कभी 11 रुपये का था ये शेयर
MRF के शेयर प्राइस 27 अप्रैल 1993 को 11 रुपये पर लिस्ट हुए थे, लेकिन कुछ ही सालों में इस स्टॉक ने बड़ी छलांग लगाई और आज एक लाख के करीब है. आपके मन में भी ये सवाल होगा कि आखिर इसके शेयर इतने तेजी से कैसे बढ़ गए.
क्यों इतनी तेजी से चढ़े ये शेयर
एजंल वन के मुताबिक MRF कंपनी ने 1975 के बाद से ही अपने शेयरों को स्प्लिट नहीं किया है, जिस कारण इसके शेयर इतने महंगे हैं. 1970 में कंपनी ने 1:2 और 1975 में 3:10 के अनुपात में बोनस इश्यू किए थे.
कब हुई थी कंपनी की शुरुआत
MRF कंपनी की शुरुआत 1946 में टाय बैलून बनाने से हुई थी. 1960 में पहली कंपनी ने टायर बनाना शुरू किया था. अब यह भारत की प्रमुख टायर बनाने वाली कंपनी है, जिसका मार्केट कैप 4.17 खरब है.
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