कोरोना महामारी के मामले भले ही नियंत्रित हो गए हों, लेकिन इसने कई चीजों पर दूरगामी असर किया है. खासकर इसने दुनिया भर में लोगों के काम करने के तरीके को बदल दिया है. महामारी के चलते दुनिया भर में करोड़ों लोगों ने सालों तक घर से काम किया. हालांकि भारत के लिहाज से देखें तो यहां ज्यादातर कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) पसंद नहीं है. यह बात एक ताजा सर्वे में सामने आई है.


ऑफिस जाने लगे इतने भारतीय


प्रोफेशनल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन (LinkedIn) के एक ताजा शोध के अनुसार, भारत के पेशेवर उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए वर्क फ्रॉम होम के बजाय हाइब्रिड मॉडल को ज्यादा पसंद करते हैं. उन्हें लगता है कि हाइब्रिड मॉडल उनके काम की उत्पादकता में सुधार लाता है. यही कारण है कि हर 10 में से 08 भारतीय पेशेवर अपनी मर्जी से ऑफिस जाने लग गए हैं.


लोगों के रवैये में आया बदलाव


इस शोध में ऑफिस जाने के प्रति कर्मचारियों के रवैये में आया बदलाव दिखता है. पहले जहां सभी के लिए ऑफिस जाना मजबूरी जैसा लगता था, वहीं 78 फीसदी भारतीय पेशेवर अब कहते हैं कि वे अपनी मर्जी से ऑफिस जाते हैं. शोध के अनुसार, करीब 86 फीसदी भारतीय मानते हैं कि अब उन्हें ऑफिस जाना साल भर पहले की तुलना में अधिक पॉजिटिव लगता है.


वर्क फ्रॉम होम की चुकाई कीमत


शोध में वर्क फ्रॉम होम को लेकर भी कुछ दिलचस्प बातें सामने आई हैं. करीब 63 फीसदी भारतीयों को लगता है कि ऑफिस गए बिना काम करने से उनके करियर पर कोई नुकसानदेह असर नहीं होता है. दूसरी ओर ऐसे लोग भी बहुतायत में हैं, जिनका कहना है कि उन्हें वर्क फ्रॉम होम की कीमत अधिक काम कर चुकानी पड़ती है. ऐसे लोगों की हिस्सेदारी 71 फीसदी है.


इन कारणों से ऑफिस जाना पसंद


लिंक्डइन इंडिया की मैनेजिंग एडिटर निराजिता बनर्जी कहती हैं, ऑफिस से काम करने की बात आती है तो हमें लोगों के रवैये में बदलाव दिख रहा है. भारत में पेशेवर जहां फ्लेक्सिबल-वर्क के विकल्पों को पसंद कर रहे हैं, वहीं वे ऑफिस जाना पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण समझ रहे हैं. ऑफिस जाने के बाद चाय ब्रेक जैसे मौके लोगों को अपने-अपने पेशे में आगे बढ़ने का मौका दे सकते हैं.


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