Rich People: पिछले कुछ सालों में दुनिया का आर्थिक नक्शा तेजी से बदला है. बदलती जरूरतों के साथ कई नए सेक्टर डेवलप हुए और और इनके दम पर नए-नए अमीर भी सामने आए. भारत समेत पूरी दुनिया में करोड़पतियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके बावजूद ज्यादातर करोड़पति खुद को रईस मान ही नहीं पा रहे हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी कमाई रकम अभी भी नाकाफी है. उन्हें अभी और ज्यादा पैसा कमाने की जरूरत है. अमेरिका के करोड़पतियों में यह ट्रेंड जबरदस्त तरीके से सामने आया है. वहां सिर्फ 12 फीसदी ही खुद को धनवान मानते हैं. इसके लिए वह महंगाई को जिम्मेदार ठहराते हैं. उन्हें लगता है अभी और ज्यादा पैसा कमाना पड़ेगा.


30 लाख डॉलर कमाने वाले भी कमाई पूरी नहीं मान रहे 


सीएनबीसी ने एडेलमैन फाइनेंशियल इंजन (Edelman Financial Engines) की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि अमेरिका में लोगों के पास तेजी से पैसा बढ़ा है. इसके बाद भी सिर्फ 33 फीसदी लोग ऐसा मानते हैं कि उनके पास पर्याप्त पैसा हो गया है. साथ ही खुद को धनवान मानने वालों का आंकड़ा तो सिर्फ 12 फीसदी ही है. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अपनी कमाई को पर्याप्त नहीं मान रहे हैं. इस सर्वे में करीब 30 साल से ऊपर के करीब 3000 लोगों को शामिल किया गया था. इनमें से 1500 ऐसे थे, जो कि अमेरिका में धनवान माने जाते हैं. इनकी संपत्ति करीब 30 लाख डॉलर (लगभग 25 करोड़ रुपये) तक है. 


अमीर भी कमाई बढ़ाने के तरीके तलाश रहे 


एडेलमैन फाइनेंशियल इंजन के अनुसार, यह रिसर्च लगातार तीन साल से की जा रही है. इसमें पाया गया है कि प्रभावशाली एवं धनी माने जाने वाले लोग भी संतुष्ट नहीं हैं. इनमें से कुछ महंगाई और चुनाव के प्रभावों का दबाव महसूस कर रहे हैं. उधर, कुछ रईस लोग पारिवारिक जिम्मेदारियों और क्रेडिट कार्ड के कर्ज के दबाव तले खुद को दबा हुआ महसूस कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई ने लोगों के एसेट पर बुरा प्रभाव डाला है. करीब 65 फीसदी को लगने लगा है कि अब उन्हें सालाना 10 लाख डॉलर (करीब 8 करोड़ रुपये) और 19 फीसदी को लगता है कि उन्हें 50 लाख डॉलर (42 करोड़ रुपये) कमाना पड़ेगा.


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