Uninsured Vehicles: अगर आपके गाड़ी का बीमा नहीं है तो हो सकता है कि आपको पेट्रोल या डीजल नहीं मिले और आपसे पहले बीमा करवाने के लिए कहा जाए. ये चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि बिना बीमा कराने वाले वाहनों को ऑयल पंपों पर तेल भरने की अनुमति नहीं दी जाए. 


ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑटोमोबाइल बीमा के प्रस्ताव को देखते हुए बीमा उद्योग ने ये प्रस्ताव रखा है. प्रस्ताव इस महीने की शुरुआत में बीमा नियामक, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण या IRDAI की ओर से आयोजित 'बीमा मंथन' के दौरान की गई पेशकश का एक पार्ट है. 


ये ऐप बताएगा बीमा हुआ है या नहीं 


ये प्रस्ताव पेश करने के साथ ही एक ऐप की भी पेशकश की है, जो एम परिवहन से रजिस्टर्ड होगा और बताएगा कि किस वाहन का बीमा हुआ है और किसका नहीं. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है तो ये ऐप तेल कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा और हर पेट्रोल पर इसकी उपलब्धता होगी. कैमरा स्कैनर से वाहनों स्कैन कर लिए जाएंगे और ये ऐप तुरंत गाड़ी के बीमा स्टेटस के बारे में जानकारी देगी. 


बीमा नहीं कराने वाले 54 फीसदी वाहन 


मौजूदा रेगूलेशन के अनुसार थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है. बीमा उद्योग के आंकड़ा बताता है कि देश में 54 फीसदी वाहना अभी भी बिना बीमा के हैं. इसमें ज्यादातर कॉमर्शियल वाहन जैसे ट्रैक्टर और थ्री व्हीलर हैं, जिन्होंने अपने इंश्योरेंस को रिन्यू नहीं कराया है. वहीं अब दो पहिया वाहनों में भी ऐसा ही कुछ दिख रहा है. बीमा उद्योग का मानना है कि इससे सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. 


पिछले कुछ साल से हो रहा नुकसान 


इंश्योरेंस इंडस्ट्री का कहना है कि ये प्रस्ताव अगर सरकार पेश करती है तो तुरंत बीमा कराया जाएगा. एक आंकड़े के अनुसार, अभी मोटर वाहन सेगमेंट में बीमा साइज 80,000 करोड़ से ज्यादा है. पिछले कुछ सालों में बीमा उद्योग में 80 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई है. 


ये भी पढ़ें


Tata Technologies IPO: 2 दशक बाद IPO बाजार में टाटा समूह देगी दस्तक, टाटा टेक्नोलॉजीज ने सेबी के पास दाखिल किया ड्रॉफ्ट पेपर