देश में घट रही बाइक्स और स्कूटर्स की सेल, चालू वित्त वर्ष में टू-व्हीलर्स की बिक्री 8-10 फीसदी गिरने के आसार
देश में लगातार दो सालों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है और इस वित्त वर्ष में भी टू-व्हीलर्स की सेल्स 8-10 फीसदी घटने की आशंका जताई जा रही है. जानें इसके पीछे कारण क्या हैं.
Two-Whealer Sales: देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री में चालू वित्त वर्ष में आठ से दस फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. क्रिसिल रेटिंग ने यह बात कही. ग्रामीण इलाकों में मांग में कमी, त्योहारी सीजन में कम बिक्री, उच्च कीमतें और उपभोक्ताओं की नजर इलेक्ट्रिक वाहनों पर होने से दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट आने के आसार हैं.
निचले बेस इफेक्ट की वजह से पहले से था कम बिक्री का अनुमान
घरेलू रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा कि निचले आधार प्रभाव की वजह से चालू वित्त साल में बिक्री की गिरावट का अनुमान पहले से था. साल 2021 में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 13 फीसदी और 2020 में 18 फीसदी की कमी आई थी. एजेंसी ने कहा कि पिछले एक दशक से अधिक समय में ऐसा पहली बार है, जब दोपहिया वाहनों की बिक्री लगातार तीन वित्त सालों में घट रही है.
मोटरसाइकिलों की सेल्स में इस साल दिखेगी 8-9 फीसदी गिरावट
वही दोपहिया वाहनों की बिक्री में दो-तिहाई हिस्सा रखने वाली मोटरसाइकलों की बिक्री में इस वित्त साल में लगभग आठ से नौ फीसदी की गिरावट देखी जा सकती है. इस समय लोगों का फोकस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर ज्यादा देखा जा रहा है और उनके लिए टू-व्हीलर्स में भी इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के कई ऑप्शन आ चुके हैं.
पेट्रोल महंगा, टू-व्हीलर महंगे होने से हुई आशंका
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, ‘‘कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर और फसल में हुई देरी ने इस वित्त साल में दोपहिया वाहनों की ग्रामीण मांग को प्रभावित किया है. इसके अलावा वाहन और ईंधन की कीमतों में वृद्धि ने भी ग्रामीण मांग को प्रभावित किया है.’’
लोग गाड़ियों पर फोकस कर रहे
इस समय लोगों का फोकस गाड़ियों पर ज्यादा है और लगभग हर हफ्ते कोई नई गाड़ी मार्केट में आ जाती है जिसको लेकर उत्सुकता बनी रहती है. इस समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भी जनता का ध्यान है और लोगों की सोच है कि महंगे टू-व्हीलर की बजाए लोन लेकर गाड़ी क्यों न ले ली जाए जो पूरे परिवार के काम आ सकती है.
ये भी पढ़ें