(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
India Vs China: भारत ने चीन को दी एक और शिकस्त, निवेश के इस ग्लोबल बेंचमार्क पर पहली बार निकला आगे
MSCI AC World Investable Market Index: घरेलू बाजार में आ रही लगातार तेजी से भारतीय शेयरों का वेटेज बढ़ रहा है. उसके चलते चीन का हिस्सा भारत के मुकाबले कम हो रहा है...
भारतीय शेयर बाजार लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. आज गुरुवार को भी बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुंचा हुआ है. इस शानदार रैली के दम पर भारतीय बाजार ने चीन को कई मोर्चे पर लगातार मात दी है और अब वह सूची पहले से ज्यादा लंबी हो गई है. भारतीय बाजार ने एक और पैमाने पर चीन को शिकस्त दे दी है.
इतना हो गया भारतीय शेयरों का वेटेज
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अब चीन को एमएससीआई एसी वर्ल्ड इंवेस्टेबल मार्केट इंडेक्स (MSCI AC World Investable Market Index) पर पछाड़ दिया है. इस इंडेक्स में भारतीय शेयरों का वेटेज बुधवार को बढ़कर 2.35 फीसदी पर पहुंच गया. वहीं दूसरी ओर इंडेक्स में चीन के शेयरों का वेटेज 2.24 फीसदी है. पहली बार ऐसा हुआ है, जब इस इंडेक्स पर भारतीय शेयरों का वेटेज चीनी शेयरों से ज्यादा हुआ है.
पिछले महीने इस इंडेक्स पर पिछड़ा चीन
इंवेस्टेबल मार्केट इंडेक्स पर चीन को मात देने से पहले भारत उसे इमर्जिंग मार्केट के इंडेक्स पर भी पछाड़ चुका है. भारत पिछले महीने एमएससीआई के इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स MSCI Emerging Markets Investable Market Index पर मात दी थी. इससे पता चलता है कि घरेलू शेयर बाजार के लगातार बेहतर प्रदर्शन से भारतीय शेयरों का वेटेज बढ़ रहा है.
47 देशों के बाजार से चुने जाते हैं शेयर
एमएससीआई एसी वर्ल्ड इंवेस्टेबल मार्केट इंडेक्स में अभी टोटल 8,815 शेयर शामिल हैं. वे शेयर दुनिया भर के 23 विकसित बाजारों और 24 उभरते बाजारों से हैं. इस इंडेक्स पर 23 विकसित व 24 उभरते बाजारों से लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप के शेयरों को चुना जाता है.
फ्रांस और कनाडा भी छूट जाएंगे पीछे
अभी एमएससीआई के एसी वर्ल्ड इंवेस्टेबल मार्केट इंडेक्स में सबसे ज्यादा वजन अमेरिकी शेयरों का है. इंडेक्स में अमेरिकी शेयरों का वेटेज अभी 63 फीसदी है. दूसरे स्थान पर 5.73 फीसदी वेटेज के साथ जापान का स्थान है. उनके बाद 3.51 फीसदी वेटेज के साथ ब्रिटेन, 2.83 फीसदी वेटेज के साथ कनाडा और 2.38 फीसदी के साथ फ्रांस का स्थान है. भारत अभी छठे स्थान पर है, लेकिन एनालिस्ट मान रहे हैं कि चीन को पीछे छोड़ने के बाद अब भारत जल्दी ही फ्रांस और कनाडा को भी पीछे छोड़ते हुए चौथे स्थान पर पहुंच जाएगा.
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