नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए लाई गई तीन लाख करोड़ रुपये की आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत बैंकों ने अब तक 1.61 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दे दी है. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए कहा कि बैंकों ने एमएसएमई के लिए अब तक 1,61,017 .68 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी है. जबकि तीन सितंबर तक 1,13,713.15 करोड़ रुपये ही लोन के तौर पर बांटे गए.
20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत हुई थी लोन गारंटी योजना की पेशकश
कोविड-19 संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा जारी 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस ऋण गारंटी योजना की पेशकश की थी.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सरकारी और निजी बैंकों की 100 फीसदी आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत तीन सितंबर तक 1,61,017.68 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए गए. जबकि 1,13,713.15 करोड़ रुपये के लोन वितरण किए गए.’’
सरकारी बैंकों ने दिए 78,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन
इस योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 78,067.21 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए जबकि डिस्ट्रीब्यूशन 62,025.79 करोड़ रुपये रहा. वहीं निजी बैंकों ने 82,950 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए जबकि 51,687 करोड़ रुपये का वितरण किया.
वित्त मंत्रालय के इन आंकड़ों से साफ है कि सरकार की एमएसएमई लोन गारंटी योजना का फायदा लघु और मध्यम उद्योगों द्वारा लिया जा रहा है लेकिन इसकी असल तस्वीर तब पेश होगी जब इन उद्योगों के उत्पादन का देश की अर्थव्यवस्था में योगदान भी दिख सकेगा और जीडीपी बढ़ेगी.
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