Air Fares: हवाई किराए में हो लगातार हो रही बढ़ोतरी से जल्द निजात मिल सकती है. सीटों की उपलब्धता के आधार पर लगातार बढ़ने वाले सिस्टम को खत्म कर इसमें भी एमएसपी लाई जा सकती है. इसकी मदद से एयरलाइंस के किराया सिस्टम को कंट्रोल में लाया जा सकेगा. सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया से हवाई टिकट पर एमएसपी की मांग की गई है.
कार्टेल की तरह काम कर रहीं एयरलाइंस
कंफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) ने एयरलाइंस द्वारा वसूले जा रहे हवाई किराया टैरिफ पर चिंता जताई है. कैट ने कहा कि ग्राहकों को इससे काफी परेशानी और आर्थिक नुकसान होता है. एयरलाइंस कार्टेल बनाकर काम कर रही हैं. एक ही डेस्टिनेशन के लिए सभी एयरलाइंस का किराया लगभग बराबर ही होता है. इस खेल में सभी एयरलाइंस शामिल हैं. ये सभी मिलकर स्मार्ट तरीके से प्रतिस्पर्धा समाप्त कर रही हैं. इससे हवाई यात्रा करने वालों को विकल्प ही नहीं मिल पाते. चाहे वो इकोनॉमी एयरलाइन से ट्रेवल करें या प्रीमियम. उन्हें अपनी केटेगरी का किराया लगभग बराबर ही देना पड़ता है.
खुली लूट कर रहीं एयरलाइंस
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने फ्लोटिंग टेरिफ के आधार पर तय किए जा रहे किराए को हवाई कंपनियों द्वारा की जा रही खुली लूट बताया. उन्होंने इस मसले पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एयरलाइंस के एयर टिकट रेट मॉडल की जांच करना बहुत जरूरी हो चुका है. इकोनॉमी क्लास को आम आदमी की सुविधा के लिए लाया गया था. मगर, अब यह भी फायदे की रणनीति का शिकार हो गया है.
क्या है एयरलाइंस का किराया मॉडल
एयरलाइंस हवाई यात्रा के लिए एक कीमत तय करती हैं. मगर, मांग बढ़ने के साथ ही रेट बिना किसी तर्क और मनमाने ढंग से बढ़ा देती हैं. कई बार आखिरी कीमत पांच से छह गुना तक हो जाती है. कीमतें बढ़ाने का कोई समय भी तय नहीं होता है. यह ग्राहकों की खुलेआम लूट है. कैट का आरोप है कि एयरलाइंस का यह सिस्टम प्रतिस्पर्धा अधिनियम और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की भावना के विपरीत है. किराए पर डीजीसीए या एईआरए भी निगरानी नहीं करता है. इससे एयरलाइंस कितनी भी कीमत वसूलने के लिए आजाद हो चुकी हैं. कैट न कहा कि सेबी की तर्ज पर किराए के लिए भी एक स्वतंत्र निगरानी निकाय बनाया जाना चाहिए.
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