मुकेश अंबानी की फाइनेंस कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को सरकार ने विदेशी निवेश बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस फाइनेंस कंपनी में विदेशी निवेश को बढ़ाकर 49 फीसदी तक ले जाना संभव हो गया है.


वित्त मंत्रालय ने दी कंपनी को ये मंजूरी


जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के द्वारा रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने अंबानी की फाइनेंस कंपनी को विदेशी निवेश बढ़ाने की यह मंजूरी दी. कंपनी ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने उसे कुल विदेशी निवेश (एफपीआई समेत) को फुली डायलुटेड बेसिस पर पेड-अप इक्विटी शेयर कैपिटल के 49 फीसदी तक ले जाने की मंजूरी दी है.


अभी जियो फाइनेंशियल में इतना विदेशी निवेश


शेयर बाजार पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस समूह की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के 53 फीसदी पब्लिकली फ्लोट शेयरों में विदेशी निवेशकों के पास 17.55 फीसदी हिस्सेदारी है. खबर सामने आने के बाद सोमवार को शुरुआती कारोबार में यह शेयर ग्रीन जोन में ट्रेड कर रहा था. शुरुआती सेशन में शेयर 0.85 फीसदी की तेजी के साथ 330 रुपये के पास पहुंचा हुआ था.


पिछले साल रिलायंस इंडस्ट्रीज से हुई अलग


जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लगभग एक साल पहले स्वतंत्र अस्तित्व में आई है. पहले कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की यूनिट के तौर पर काम करती थी. उसे जुलाई 2023 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से डिमर्ज किया गया. उसके बाद से जियो फाइनेंशियल सर्विसेज स्टैंडअलोन नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में काम कर रही है.


तेजी से दायरा बढ़ा रही है कंपनी


मुकेश अंबानी की इस कंपनी ने हालिया महीनों में अपने कारोबार के दायरे का विस्तार किया है. कंपनी ने हाल ही में म्यूचुअल फंड के अगेंस्ट लोने देने और टू-व्हीलर समेत ऑटो इंश्योरेंस देने की शुरुआत की है. इसके लिए जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने कई इंश्योरेंस कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है. कंपनी शिप लीजिंग बिजनेस की भी शुरुआत कर चुकी है. कुछ ही समय पहले कंपनी ने ब्लैकरॉक के साथ मिलकर एसेट मैनेजमेंट के सेगमेंट में एंट्री की है. 


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