Mukesh Ambani से पीछे हुए सुंदर पिचई और सत्य नडेला, दुनिया में सिर्फ एक आदमी ही रिलायंस के मालिक के आगे
Brand Guardianship Index: टेनसेंट के सीईओ हुआतेंग मा इस लिस्ट में पहले नंबर पर रहे हैं. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन इस लिस्ट में 5वें नंबर पर आए हैं.
Brand Guardianship Index: रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी किसी पहचान के मोहताज नहीं है. वह देश के सबसे रईस इंसान हैं. दुनियाभर के अमीरों की लिस्ट में वह हर साल जगह बनाते हैं. अरबपति मुकेश अंबानी का नाम किसी ब्रांड से कम नहीं है. अब उन्होंने एक और उपलब्धि हासिल की है. इसमें मुकेश अंबानी ने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला (Satya Nadella) और गूगल के सीईओ सुंदर पिचई (Sundar Pichai) को काफी पीछे छोड़ दिया है. पूरी दुनिया में उनके आगे सिर्फ टेनसेंट के सीईओ हुआतेंग मा (Huateng Ma) ही निकल पाए हैं.
टेनसेंट के सीईओ हुआतेंग मा हैं नंबर वन
दरअसल, ब्रांड फाइनेंस द्वारा जारी ब्रांड गार्जियनशिप इंडेक्स 2024 (Brand Guardianship Index 2024) के मुताबिक, अंबानी दुनिया में दूसरे नंबर के सीईओ बने हैं. यह इंडेक्स उन सीईओ को लिस्ट में जगह देता है, जिन्होंने अपने कारोबार को ठोस बनाया. साथ ही कंपनी से जुड़े लोगों और समाज की जरूरतों को भी पूरा किया. इस लिस्ट में रिलायंस के चेयरमैन एवं एमडी अंबानी का बीजीआई स्कोर 80.3 रहा, जो कि हुआतेंग मा के स्कोर 81.6 से थोड़ा ही कम है. ब्रांड फाइनेंस के मुताबिक, इंडेक्स में जगह पाने वाले लीडर बिजनेस बढ़ाने के साथ-साथ स्टेकहोल्डर्स, कर्मचारी, निवेशक और सोसाइटी को साथ लेकर चल रहे हैं. इस बैलेंस की वजह से उन्हें दुनियाभर में ख्याति मिली है.
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन 5वें नंबर पर
इस लिस्ट में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) 5वें नंबर पर आ गए हैं. साल 2023 में इसी लिस्ट में उन्हें 8वां स्थान मिला था. उनके ठीक पीछे महिंद्रा एंड महिंद्रा के अनीश शाह (Anish Shah) 6वें और इंफोसिस के सलिल पारेख (Salil Parekh) 16वें नंबर पर रहे हैं. अंबानी को भारत में नंबर 1 और दुनिया में नंबर 2 पर जगह मिली है. उन्होंने दिग्गज कंपनी एप्पल के टिम कुक (Tim Cook) और टेस्ला के एलन मस्क (Elon Musk) को भी पीछे छोड़ दिया है.
ब्रांड को नेतृत्व देने की क्षमता परखी गई
ब्रांड फाइनेंस के मुताबिक, हर सीईओ को कंपनी को दिशा देने की क्षमताओं पर परखने की कोशिश की है. इससे पता चलता है कि उन्होंने अपने नेतृत्व में ब्रांड को कैसे मजबूत किया. इसमें उनके लॉन्ग टर्म विजन, रणनीति और लोगों में उन पर भरोसे को भी परखा गया. इन सभी लोगों ने न सिर्फ कंपनी की आर्थिक मजबूती पर ध्यान दिया बल्कि जुड़े हुए लोगों और समाज का भी हित किया. हाल ही में रिलायंस जिओ ने देश के सबसे मजबूत ब्रांड के तौर पर अपनी जगह ग्लोबल 500 लिस्ट में बनाई थी. जिओ एक नया ब्रांड है जबकि देश में दशकों पुराने कई ब्रांड हैं.
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