Reliance Retail Sale: इस कंपनी में हिस्सेदारी बेचेंगे मुकेश अंबानी, 1 बिलियन डॉलर में हो सकती है डील
Mukesh Ambani Stake Sale: मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने इससे पहले 2020 में फंडिंग में जुटाई थी, जिसमें कई दिग्गज ग्लोबल इन्वेस्टर्स ने हिस्सा लिया था...
भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी अपनी खुदरा कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स की कुछ हिस्सेदारी बेच सकते हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि रिलायंस रिटेल की संभावित हिस्सेदारी बिक्री के लिए कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के साथ बातचीत चल रही है. जल्दी ही इस सौदे पर अंतिम मुहर लग सकती है.
प्रस्तावित सौदे में इतनी वैल्यूएशन
ईटी की ताजी रिपोर्ट में मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट की मानें तो रिलायंस रिटेल की हिस्सेदारी का यह संभावित सौदा 950 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर में हो सकता है. प्रस्तावित सौदे में रिलायंस रिटेल की वैल्यूएशन 100 बिलियन डॉलर आंकी गई है. सौदे में कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी रिलायंस रिटेल की 1 फीसदी हिस्सेदारी के बदले इन्वेस्टमेंट कर सकती है.
3 साल पहले इतनी आई थी वैल्यू
अगर यह सौदा होता है और सूत्रों की बातें सही साबित होती हैं, तो 3 साल में रिलायंस रिटेल की वैल्यू लगभग डबल हो जाने वाली है. इससे पहले रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने साल 2020 में सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड से फंडिंग जुटाई थी. तब सऊदी पीआईएफ ने रिलायंस रिटेल की 2.04 फीसदी हिस्सेदारी के बदले 1.3 बिलियन डॉलर का निवेश किया था, इस तरह उस सौदे में रिलायंस रिटेल की वैल्यू करीब 62.4 बिलियन डॉलर लगाई गई थी.
इन निवेशकों ने लिया था हिस्सा
साल 2020 के फंडिंग राउंड में सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड के अलावा कई अन्य वैश्विक निवेशकों ने भी हिस्सा लिया था, जिनमें न्यूयॉर्क के प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर, टीपीजी जैसे नाम शामिल थे. उनके अलावा अबु धाबी के दो सॉवरेन इन्वेस्टमेंट फंड ने भी उस फंडिंग राउंड में हिस्स लिया था. कतर का सॉवरेन इन्वेस्टमेंट फंड क्यूआईए पहले राउंड का हिस्सा नहीं था.
अगस्त की शुरुआत में मुहर संभव
हालांकि अभी प्रस्तावित डील के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. न तो रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने और न ही कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने अभी तक प्रस्तावित सौदे को लेकर कोई बात की है. सूत्रों का कहना है कि सौदे पर बातचीत एडवांस स्टेज में है. इसे लेकर महीनों से बातचीत हो रही है. अभी मामला वैल्यूएशन पर अटक रहा है. कतर सॉवरेन फंड के बोर्ड ने अभी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि बोर्ड की ओर से अगले महीने की शुरुआत में मुहर लग जाएगी.
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