Top Multibagger Stock 2021: साल 2021 ऐसे शेयरों से भरा पड़ा है, जिन्होंने अपने शेयरधारकों को 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. हालांकि 2021 के मल्टीबैगर शेयरों की इस लिस्ट में कुछ ऐसे शेयर भी हैं, जिन्होंने 9 महीने से भी कम समय में 300 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. एलकॉन इंजीनियरिंग कंपनी (Elecon Engineering Company) का शेयर भी इनमें शुमार है. इसके निवेशक भारी रिटर्न मिलने से काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.


औद्योगिक उपकरण निर्माता कंपनी उन दो नए शेयरों में से एक है, जिसे विजय केडिया (Vijay Kedia) ने अप्रैल से जून 2021 तिमाही में अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा था. यह विजय केडिया पोर्टफोलियो स्टॉक 31 दिसंबर 2020 को ₹42.60 पर बंद हुआ था और 13 सितंबर 2021 को यह एनएसई में ₹175.95 प्रति इक्विटी मार्क पर बंद हुआ. यह अब तक इस साल 4.13 गुना बढ़ गया है.


एलकॉन इंजीनियरिंग कंपनी के शेयर का पिछला रिकॉर्ड
विजय केडिया के इस शेयर ने मुनाफावसूली के बाद ऊपर की ओर बढ़ना शुरू कर दिया. पिछले 5 कारोबारी सत्रों में स्टॉक लगभग 3.5 प्रतिशत ऊपर चढ़ गया है. हालांकि पिछले 1 महीने का रिकॉर्ड देखें तो इसमें करीब 1.5 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले 6 महीनों में विजय केडिया पोर्टफोलियो स्टॉक ने लगभग 170 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. साल दर साल (YTD) के संदर्भ में स्टॉक ने ₹42.60 प्रति इक्विटी शेयर स्तर से ₹175.95 प्रति स्टॉक मार्क तक बढ़ने के बाद लगभग 315 प्रतिशत रिटर्न दिया है.


निवेश पर कैसा रहा असर 
इस विजय केडिया पोर्टफोलियो स्टॉक में यदि किसी निवेशक ने 6 महीने पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया होता तो उसे आज 2.70 लाख रुपये का रिटर्न मिल जाता. अगर किसी निवेशक ने विजय केडिया के इस शेयर को 31 दिसंबर 2020 के मूल्य पर खरीदा होता तो उनके 1 लाख रुपये 4.13 लाख रुपये हो जाते. 


डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)


यह भी पढ़ेंः Multibagger Stock Tips: इस मल्टीबैगर स्टॉक ने 10 साल में निवेशकों की किस्मत बदली, 1 लाख रुपये पर दिया एक करोड़ का रिटर्न


Gold Price : सोने की कीमत में पूरे सप्ताह रही गिरावट फिर भी नहीं बढ़ी घरेलू डिमांड