Bullet Train Project: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को तैयार होने में अभी 3 साल साल से ज्यादा का समय और लगेगा. एबीपी न्यूज के कॉन्क्लेव में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि 2026  के अगस्त महीने से देश की पहली बुलेट ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी. रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लगातार प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं साथ में जापान सरकार भी सहयोग कर रही है, ऐसे में हमें विश्वास है कि अगस्त 2026 से बुलेट ट्रेन चलने लगेगी.  


15 अगस्त 2022 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का था लक्ष्य


14 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के तात्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ गुजरात के अहमदाबाद में मुंबई से अहमदाबाद के बीच अपनी महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी. तब मोदी सरकार ने कहा था कि देश जब 15 अगस्त 2022 को 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तब देश की पहली बुलेट ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी. साल 2022 खत्म हो चुका है लेकिन बुलेट ट्रेन कब से दौड़ेगी इसे लेकर अब तक संशय की स्थिति बनी हुई थी. पर रेल मंत्री ने कहा है कि अगस्त 2026  से बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी.


बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में 4 साल की देरी 


रेल मंत्री के इस बयान से साफ है कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को तैयार होने में अभी साढ़े 3 साल का समय और लगेगा. बीते वर्ष 2022 में लोकसभा में भी पूछे गए सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा था कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) प्रोजेक्ट देरी से चल रहा है. उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण में देरी, कॉंट्रैक्ट्स के फाइनलाईजेशन में लगातार हो रहे विलंब के साथ कोविड-19 के प्रभावों के चलते बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में देरी हुई है. उन्होंने कहा कि देरी के चलते प्रोजेक्ट के कॉस्ट में हुई बढ़ोतरी का आंकलन जमीन अधिग्रहण, सभी कॉंट्रैक्ट्स के फाइनलाइजेशन और दूसरे टाइमलाइंस के पूरे होने के बाद ही किया जा सकता है.  


प्रोजेक्ट की लागत बढ़ना तय!


मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने पहली हाई स्पीड बुलेट प्रोजेक्ट को जापान सरकार के टेक्निकल और वित्तीय मदद के बाद दिसंबर 2015 में मंजूरी दी गई थी. 2015 में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का का अनुमान लगाया गया था. लेकिन अलग अलग कारणों के चलते प्रोजेक्ट में हो रही देरी के बाद लागत में बढ़ोतरी होने तय माना जा रहा है.  जापान सरकार के साथ जो एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया था उसके मुताबिक जापान की सरकार कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट का 81 फीसदी कर्ज 0.1 फीसदी ब्याज दर पर प्रदान करेगी. एमओयू में ये भी लिखा है कि प्रोजेक्ट के वास्तविक लागत और लोन की रकम को जरुरत पड़ने पर संशोधित भी किया जा सकता है. लोन को 50 वर्ष में लौटाना होगा साथ में 15 साल का ग्रेस पीरियड भी शामिल है.  


प्रोजेक्ट की खासियत 


संसद में बीते वर्ष दिए जवाब में रेल मंत्री ने बताया था कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 1396 हेक्टेयर जमीन का जो अधिग्रहण किया जाना था उसमें से 1248 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है. मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 353 किलोमीटर प्रोजेक्ट गुजरात और दादर नगर हवेली में स्थित है और दिसंबर 2020 से 353 किलोमीटर में सिविल वर्क्स पर काम शुरू हो चुका है. अहमदाबाद में साबरमती से मुंबई के बीच 508 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में कुल 12 स्टेशन होंगे. 360 किलोमीटर की अधिकतम स्पीड के साथ ये बुलेट ट्रेन रफ्तार भर सकेगी वहीं 320 किलोमीटर का ऑपरेटिंग स्पीड होगा. मुंबई से साबरमती के बीच की दूरी 2.07 घंटे में पूरी की जा सकेगी और सभी स्टेशनों पर ट्रेन के रुकने के बाद 2.58 घटे में यात्रा पूरी होगी.


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