Aviation: एविएशन सेक्टर में नई डील, बिकने जा रही है ‘उड़ान’ सर्विस देने वाली फ्लाई बिग
Flybig Deal: फ्लाई बिग भारत की 6 शेड्युल्ड रीजनल एयरलाइन में एक है, जो पूर्वोत्तर समेत विभिन्न बाजारों में उड़ान योजना के तहत क्षेत्रीय विमानन सेवाएं दे रही है...
भारतीय विमानन सेक्टर में लगातार हो रहे डेवलपमेंट के बीच अब एक नए सौदे की राह तैयार हो गई है. यह सौदा होने वाला है क्षेत्रीय विमानन सेवा यानी उड़ान के तहत परिचालन कर रही कंपनी फ्लाई बिग का. इसे मुंबई बेस्ड एक विमानन कंपनी खरीदने जा रही है.
शुरुआती समझौते पर हस्ताक्षर
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई बेस्ड एफए एयरलाइंस जल्दी ही रीजनल एयरलाइन फ्लाई बिग का अधिग्रहण करने वाली है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दोनों कंपनियों के बीच सौदे को लेकर शुरुआती समझौते पर हस्ताक्षर हो चुका है. हालांकि रिपोर्ट में अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि फाइनल सौदा कब तक हो सकता है और सौदे की वैल्यू क्या रहने वाली है.
ये कंपनियां कर रहीं परिचालन
एफए एयरलाइंस की शुरुआत 2022 में हुई थी. यह कंपनी भी क्षेत्रीय विमानन सेवाओं पर फोकस्ड है. इसकी प्रबंध निदेशक फौजिया अर्शी हैं, जो फिल्म इंडस्ट्री से भी जुड़ी हुई हैं. वहीं फ्लाईबिग भारत के 6 शेड्युल्ड रीजनल कैरियर्स में शामिल है. भारत में अभी एअर इंडिया, एआईएक्स कनेक्ट, विस्तारा, इंडिगो, स्पाइसजेट, आकासा एयर जैसी शेड्युल्ड डोमेस्टिक एयरलाइन के अलावा एलायंस एयर, फ्लाई बिग, इंडियावन एयर, स्टार एयर, जूम और फ्लाई91 जैसी 6 शेड्युल्ड रीजनल एयरलाइन हैं.
शेड्युल्ड रीजनल एयरलाइन में वे छोटी विमानन कंपनियां शामिल हैं, जो केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई क्षेत्रीय विमानन संपर्क योजना उड़ान के तहत अपनी सेवाएं देती हैं. फ्लाई बिग के बेड़े में 4 विमान शामिल हैं. कंपनी ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को भटिंडा, गाजियाबाद और लुधियाना के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाने का ऐलान किया था. कंपनी उड़ान योजना के तहत पूर्वोत्तरी राज्यों में भी उड़ानों का परिचालन कर रही है.
तेजी से बढ़ रहा भारतीय बाजार
भारत को दुनिया के सबसे प्रमुख विमानन बाजारों में एक माना जाता है. भारत का एविएशन सेक्टर दुनिया में सबसे तेज गति से तरक्की कर रहा है. घरेलू स्तर पर विमानन यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जनवरी से मार्च 2024 के दौरान विमानन कंपनियों ने घरेलू बाजार में 391.46 लाख यात्रियों को विमानन सेवाएं दी थी और उन्हें उनके गंतव्यों तक पहुंचाया था.
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