Mumbai Trans Harbour Link: महाराष्ट्र का मुंबई शहर पहले से ही रियल एस्टेट के मामले में देश का सबसे बड़ा और महंगा स्थान है. मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक या अटल सेतु के शुरू होने के बाद तो इसके लिए और शानदार समय आने वाला है. मुंबई में एमटीएचएल का उद्घाटन होने के बाद जैसे ही ये आम लोगों के लिए शुरू हो जाएगा, उसी समय ये लोगों के लिए, शहर के लिए, राज्य के लिए और देश के लिए गेमचेंजर बनकर सामने आने लगेगा.
जानिए वित्तीय और रियल एस्टेट जगत के जानकारों का इसके बारे में क्या कहना है?
CBRE के अंशुमन मैगजीन जो भारत (दक्षिण पूर्व एशिया, मिडिल ईस्ट एंड अफ्रीका) के चेयरमैन और सीईओ हैं, उनका कहना है कि "मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक छलांग है. ये रोड ब्रिज ना सिर्फ दूरी कम करेगा बल्कि इस एरिया की आर्थिक वृद्धि को भी तेज करने में मदद करेगा. एमटीएचएल एक गेम-चेंजर बनने की ओर आगे बढ़ रहा है.
ये महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे को बहुत अच्छे से और ठोस रूप से जोड़ रहा है. उद्योग जगत के लिए और खासतौर से रियल एस्टेट के लिए ये एमटीएचएल या अटल सेतु एक ऐसा फैक्टर होने वाला है जो ना सिर्फ मुंबई के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए बेहद शानदार विकास का कारक बनने वाला है."
केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) के सीनियर डायरेक्टर ऱाजश्री मुर्कुटे का कहना है कि मुंबई में एमटीएचएल के चालू होने के बाद इस शहर की तस्वीर बदलने वाली है.
ये देश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में से एक खास प्रोजेक्ट है जिसका लक्ष्य भीड़भाड़ कम करना है. इसके जरिए साउथ मुंबई से नवी मुंबई और उसके आगे तक सीमलेस कनेक्टिविटी तो मिलेगी ही, इस आईलैंड शहर के अन्य क्षेत्रों में भी विकास देखा जा सकता है. इससे होने वाले कुछ खास फायदों की बात करें तो कमर्शियल और रेसीडेंशियल दोनों तरह की रियल एस्टेट में उछाल देखा जा रहा है जिसकी उम्मीद थी और ऐसा ही हुआ.
मुंबई का बुनियादी ढांचा विकास, विशेष रूप से कनेक्टिविटी के मामले में, पूरे शहर में तेजी से बढ़ रहा है. चाहे वह तटीय सड़कें हों, नए हवाई अड्डे हों, मेट्रो लाइनें हों, एमटीएचएल हों, या अंडरग्राउंड कनेक्टिविटी हो. हालांकि अभी भी बहुत सारी गतिविधियां बाकी हैं. चल रही कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स में भारत की पहली हाई-स्पीड रेल शामिल है, जिसकी लागत 1 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा है
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