शेयर बाजार की तेजी और निवेशकों के बदलते रुझान के बीच म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए पिछला वित्त वर्ष शानदार साबित हुआ. आंकड़े बताते हैं कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के द्वारा प्रबंधित संपत्तियों (एसेट अंडर मैनेजमेंट) में 35 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो बीते कई सालों में सबसे ज्यादा है.
2021 के बाद सबसे अच्छा रहा साल
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़े बताते हैं कि 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2023-24 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एयूएम में 35 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. यह वित्त वर्ष 2020-21 के बाद किसी एक वित्त वर्ष के दौरान प्रबंधित संपत्तियों में आई सबसे बड़ी तेजी है. वित्त वर्ष 2020-21 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने एयूएम में 41 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की थी.
इन 3 कैटेगरी का सबसे ज्यादा योगदान
आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान इंडस्ट्री की शानदार ग्रोथ में सबसे अहम योगदान इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स का रहा. इन इन्वेस्टर्स ने इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम्स तीनों में सबसे ज्यादा योगदान दिया. मार्च 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल एयूएम में इन तीनों कैटेगरी का योगदान करीब 58 फीसदी रहा, जबकि टोटल फोलियो में उनकी हिस्सेदारी 80 फीसदी पर रही.
पूरी इंडस्ट्री में 3 कैटेगरी का हिस्सा
इन तीनों कैटेगरी में पिछले कुछ सालों के दौरान अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है. मार्च 2019 में पूरी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एयूएम में इन तीनों कैटेगरी का हिस्सा 45 फीसदी पर था, जो 5 साल बाद मार्च 2024 में बढ़कर 58 फीसदी पर पहुंच गया. इसका मतलब हुआ कि पूरी इंडस्ट्री के द्वारा प्रबंधित की जा रही कुल रही संपत्ति में आधे से ज्यादा एसेट सिर्फ इन तीनों कैटेगरी के पास हैं.
डेट कैटेगरी में दो साल बाद तेजी
पिछले वित्त वर्ष में डेट फंडों का प्रदर्शन कुछ फीका रहा. इस कैटेगरी ने करीब 7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की. हालांकि पहले के कुछ सालों के हिसाब से तुलना करें तो यह अच्छी वृद्धि कही जाएगी, क्योंकि डेट फंड कैटेगरी में लगातार गिरावट आ रही थी. इस कैटेगरी में वित्त वर्ष 2021-22 में 2 फीसदी की और 2022-23 में 9 फीसदी की गिरावट आई थी. लगातार दो साल की गिरावट के बाद डेट फंड कैटेगरी में पिछले वित्त वर्ष के दौरान फोलियो की संख्या में भी तेजी आई.
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