Mutual Fund Investors: गिरते शेयर बाजार में निवेशक काफी डरे हुए हैं. खासकर म्यूचुअल फंड निवेशक, जो किसी फंड मैनेजर के सहारे निवेश करते हैं, उनकी चिंता और भी बढ़ी हुई है. किस फंड में निवेश करें और किससे पैसा निकाल लें. क्योंकि बाजार में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. कौन शेयर कब गोता लगा देंगे, यह कहना मुश्किल है. ऐसी स्थिति में जानकारों का कहना है कि सतर्कता, सावधानी और धीरज बनाए रखकर लॉन्ग टर्म में अच्छे रिटर्न की कामना करना ही एकमात्र उपाय है. बाय या सेल दोनों करते समय यह जरूर देख लें कि स्टॉक के फंडामेंटल्स कितनी मजबूत स्थिति में बने हुए हैं.
सस्टेनेबेल ग्रोथ वाली कंपनियां फायदेमंद
बाजार में उठापटक का दौर चल रहा है. शेयर बाजार में करेक्शन का दौर लगातार जारी है. इसके बावजूद जानकारों का भरोसा है कि बाजार जल्दी ही लो ग्रोथ से दूर भागेगा. ऐसी स्थिति में मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनियों में निवेश करने वालों के फायदे को कोई नहीं रोक सकता है. यह स्थिति म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सही है. इसलिए सस्टेनेबल ग्रोथ वाली कंपनियों से जुड़े फंड में निवेश कर अच्छे रिटर्न की गांरटी पा सकते हैं.
सेंसेक्स-निफ्टी लगातार लगा रहा गोता
बाजार में गिरावट के दौर को इसी से समझा जा सकता है कि नए साल में निफ्टी 50 इस साल 13 जनवरी तक 2.4 फीसदी गोता लगा चुका है, भारतीय शेयर बाजार के इतना नीचे जाने का कारण भारी बिकवाली का दबाव है. इसी दौरान निफ्टी 500 भी 5.05 फीसदी नीचे जा चुका है. निफ्टी मिडकैप 150 लगभग 8 फीसदी नीचे चला गया है. निफ्टी स्मॉलकैप 250 भी नीचे की ओर झुक चुका है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार के इस कदर नीचे जाने के कारण कई और भी हैं. खासकर कंपनियों के बढ़ा-चढ़ाकर किए गए मूल्यांकन, स्लो डोमेस्टिक ग्रोथ, अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना और यूएस फेडरल रिजर्व का रेट कट भी एक बड़ा कारण है.
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