MF Nominee Deadline: म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर सावधान!, दो सप्ताह में नहीं किया ये काम तो हो जाएगा तगड़ा नुकसान
Deadline for Nominee Details: म्यूचुअल फंड के इन्वेस्टर्स के लिए यह काम की खबर है. अगर समय रहते जरूरी काम को नहीं पूरा किए तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है...
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म्यूचुअल फंड शेयर बाजार में पैसा लगाने के लोकप्रिय तरीकों में से एक है. इसमें निवेशकों को शेयर बाजार की तेजी का फायदा मिलता ही है, साथ ही पोर्टफोलियो डायवर्स होने से नुकसान भी कम होता है. इसके अलावा खुद से अच्छे शेयरों को खोजने और खंगालने के काम से भी छुटकारा रहता है. यही कारण है कि म्यूचुअल फंड के इन्वेस्टर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अगर आप भी म्यूचुअल फंड में पैसे लगाते हैं तो आपके लिए यह खबर बड़े काम की है.
अब कितना समय है बाकी?
बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के लिए मार्च में एक सर्कुलर जारी किया था. सर्कुलर में म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए नॉमिनी ऐड करने की डेडलाइन तय की गई थी. अब डेडलाइन बेहद करीब आ चुकी है. इसके लिए अंतिम तारीख 30 सितंबर 2023 तय की गई है, जो अब मुश्किल से 2 सप्ताह दूर है. इसका मतलब हुआ कि अगर आप भी म्यूचुअल फंड में पैसे लगाते हैं तो नॉमिनी से जुड़ा यह काम करने के लिए आपके पास अब करीब 2 सप्ताह का ही समय बचा हुआ है.
डेडलाइन के बाद क्या होगा?
पहले यह डेडलाइन 31 मार्च 2023 को ही समाप्त हो रही थी. दरअसल सेबी ने सबसे पहले इस संबंध में 15 जून 2022 को सर्कुलर जारी किया था, जिसमें 31 मार्च 2023 की डेडलाइन तय की गई थी. हालांकि बाद में सेबी ने 28 मार्च को नया सर्कुलर जारी कर डेडलाइन को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया था. सेबी ने साफ कहा था कि अगर म्यूचुअल फंड के इन्वेस्टर डेडलाइन तक नॉमिनी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं करते हैं, तो उनके फोलियो को फ्रीज कर दिया जाएगा.
इन्वेस्टर के पास क्या हैं उपाय?
म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के पास फोलियो से डेबिट फ्रीज होने से बचने के लिए दो उपाय हैं. पहला उपाय है कि वे नॉमिनेशन सबमिट करें यानी किसी को नॉमिनी बनाएं. दूसरा ऑप्शन नॉमिनेशन ऑप्ट-आउट करने का है. अगर आप किसी को नॉमिनी नहीं बनाना चाहते हैं तो यह आपको बताना पड़ेगा. इसके लिए आपको ऑप्ट-आउट डिक्लेरेशन भरकर सबमिट करना होगा.
ज्वाइंट अकाउंट में क्या होगा?
अगर म्यूचुअल फंड को एक से ज्यादा लोगों ने मिलकर खरीदा है, यानी अकाउंट इंडिविजुअल न होकर ज्वाइंट है, तो ऐसी स्थिति में सभी ज्वाइंट होल्डर को मिलकर कोई एक नॉमिनी बनाना होगा. यह वैसी स्थिति के लिए होता है, जब ज्वाइंट यूनिट के सभी होल्डर की मौत हो जाए. मतलब ज्वाइंट यूनिट होने पर भी डेडलाइन तक इस काम को निपटाना जरूरी है.
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