Mutual Fund SIP Investment: एसआईपी (SIP) यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करना आजकल बहुत फायदे का सौदा हो गया है. लेकिन, एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करने से पहले इसकी सही तरह से जानकारी लेना बहुत जरूरी है. सही होमवर्क किए बिना निवेश करने से आपको फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. एसआईपी शुरू करने से पहले इस बात को अच्छी तरह से चेक कर लें कि यह किस तारीख को शुरू किया जा रहा है. एक्सपर्ट्स के अनुसार वैसे तो आप एसआईपी में जब चाहें तब शुरू कर सकते हैं लेकिन, अगर इसे महीने के एक खास समय शुरू करें तो आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ देगा.


एसआईपी शुरू करने की यह है खास तारीख
वैसे तो देखा जाए तो एसआईपी शुरू करने का कोई विशेष फार्मूला नहीं (Tips to Choose Right SIP Rate) है लेकिन, एचडीएफसी बैंक ग्राहकों को यह सलाह देता है कि अगर यह हर महीने की 10 तारीख के बाद शुरू की जाए तो यह बेहतर रहता है. इसके बाद निवेश करने से किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. गौरतलब है कि निवेशक एसआईपी से बैंक अकाउंट में पैसे आने की तारीख के अनुसार ही एसआईपी की डेट तय (Date to Start SIP) करते हैं. आप चाहें तो एसआईपी शुरू करने से पहले एसआईपी कैलकुलेटर (SIP Calculator) का यूज कर सकते हैं. इससे आपको अपने रिटर्न का सही अंदाजा लग जाएगा.  


एसआईपी (SIP) है क्या?
एसआईपी (Systematic Investment Plan) एक सिस्टमैटिक निवेश स्कीम है. इसके तहत आप पहले से तय म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) स्कीम में कुछ रेगुलर समय के बाद तय राशि निवेश करते हैं. यह अंतराल महीने या तीन महीने के आधार पर किया जा सकता है. एक एसआईपी के दौरान आपकी कुल लागत का Average निकाला जाता है. इसमें आप अपनी फाइनेंशियल कंडीशन के अनुसार निवेश कर सकते हैं. यह आपको अपनी निवेश की सीमा को चुनने की भी छूट मिलती है.  


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अगर सही समय पर नहीं किया पेमेंट
आपको बता दें कि एसआईपी (SIP) में ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन फीचर (Auto Debit Transaction) होता है. इसमें तय तारीख को आपके बैंक अकाउंट से अमाउंट खुद ही निकलकर एसआईपी में आ जाता है. लेकिन, अगर अकाउंट में बैलेंस नहीं तो पैसे नहीं कटेंगे और बैंक आपसे चार्ज वसूल कर लेगा. इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें कि पैसे तय तारीख से पहले अकाउंट में जरूर होने चाहिए.


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