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Mutual Funds AD Controversy : म्यूचुअल फंड्स कितना सही है? हाई कोर्ट ने SEBI और AMFI को जारी किया नोटिस

Mutual Funds AD Controversy : याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि AMFI "बिना किसी ठोस आधार और तर्क" के 'म्यूचुअल फंड्स सही हैं' (Mutual Funds Sahi Hai) का प्रचार कर रहा है.

म्यूचुअल फंड्स में निवेश इन दिनों खूब हो रहा है. लोग इसमें निवेश के कई फायदे आपको बताते मिल जाएंगे. हालांकि, इसके जोखिम कितने हैं, इस पर कोई बात नहीं करता. यहां तक कि म्यूचुअल फंड्स का जो विज्ञापन टीवी पर दिखाया जाता है, उसमें भी पहले म्यूचुअल फंड्स की तारीफ की जाती है और फिर तेजी से बता दिया जाता है कि म्यूचुअल फंड्स में निवेश जोखिमों के अधीन है. हालांकि, इसके बाद एक टैग लाइन आती है, जिसमें लिखा होता है 'म्यूचुअल फंड्स सही है'.  अब इसी को लेकर म्यूचुअल फंड्स विवादों में घिर गया है. 

दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा म्यूचुअल फंड्स के प्रचार पर आपत्ति जताते हुए जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता ने सेबी (Securities and Exchange Board of India) को निर्देश देने की मांग की है कि वह एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा "भ्रामक" और "गुमराह करने वाले" विज्ञापन अभियानों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए.

विज्ञापनों पर आरोप

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि AMFI "बिना किसी ठोस आधार और तर्क" के 'म्यूचुअल फंड्स सही हैं' (Mutual Funds Sahi Hai) का प्रचार कर रहा है. याचिका में कहा गया है, "AMFI के विज्ञापन अभियानों में केवल म्यूचुअल फंड्स के सकारात्मक पहलुओं को दिखाया जाता है, जबकि, उनकी सीमाओं और जोखिमों का जिक्र नहीं होता. ये अभियान बिल्कुल आधारहीन, भ्रामक और गुमराह करने वाले हैं."

याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि ये विज्ञापन अभियानों में निवेशकों की शिक्षा या जागरूकता का कोई तत्व शामिल नहीं है. इसके बजाय, ये वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बनाए गए हैं, जो केवल AMFI के सदस्यों के लाभ के लिए हैं और निवेशकों के हितों की अनदेखी करते हैं.

अन्य संस्थानों के विज्ञापनों से तुलना

याचिकाकर्ता ने AMFI के विज्ञापनों की तुलना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और खुद SEBI द्वारा जारी विज्ञापनों से की. याचिका में कहा गया है कि ये संस्थाएं अपने विज्ञापनों में किसी प्रकार का व्यापारिक उद्देश्‍य नहीं रखतीं और उनका एकमात्र उद्देश्य जनहित की सेवा करना होता है. वहीं, AMFI के विज्ञापन वाणिज्यिक प्रकृति के हैं और केवल म्यूचुअल फंड कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं.

हाई कोर्ट की कार्रवाई

18 दिसंबर को हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक अमाइकस क्यूरी (न्यायालय मित्र) नियुक्त किया और SEBI और AMFI को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह कदम इस मुद्दे में जनहित की भागीदारी को ध्यान में रखते हुए उठाया है.

याचिकाकर्ता की मांग

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि AMFI के इन विज्ञापनों को तुरंत रोका जाए और SEBI द्वारा इन्हें दी गई अनुमति को रद्द किया जाए. याचिका में यह भी कहा गया है कि AMFI को निवेशकों को सही और संपूर्ण जानकारी देने के लिए बाध्य किया जाए, जिसमें म्यूचुअल फंड्स के लाभ और जोखिम दोनों शामिल हों.

निवेशकों की सुरक्षा पर सवाल

याचिका में यह तर्क दिया गया है कि इन विज्ञापनों के जरिए निवेशकों को गुमराह किया जा रहा है, जो कि उनके हितों के खिलाफ है. इस तरह के अभियानों में एकतरफा जानकारी देकर निवेशकों को जोखिमों से अनजान रखना नैतिक रूप से गलत और निवेशकों की सुरक्षा के लिए हानिकारक है. आपको बता दें, इस मामले में अगली सुनवाई के दौरान SEBI और AMFI को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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