Mutual funds: SIP के जरिए कर रहे हैं निवेश तो याद रखें ये जरूरी बात, बढ़ जाएगा आपका रिटर्न
Mutual funds: म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए लोग निवेश करना अधिक पसंद कर रहे हैं. हालांकि एक ऑप्शन का इस्तेमाल कर रिटर्न को कई गुना बढ़ाया जा सकता है.
Mutual funds: अगर आप म्यूचुअल फंड (Mutual fund) में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो आपको म्यूचुअल फंड टॉप-अप (Mutual fund Top-up) के बारे जरूर पता होना चाहिए. म्यूचुअल फंड टॉप-अप आपके रिटर्न को कई गुना बढ़ा सकता है. आज हम इसके बारे में ही आपको बताएंगे.
म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए लोग निवेश करना अधिक पसंद कर रहे हैं. म्यूचुअल फंड टॉप-अप हर महीने एसआईपी में किए गए निवेश को बढ़ाता है और इस वजह से रिटर्न भी बढ़ जाता है. इसकी मदद से आप किसी लॉन्ग टर्म एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में एक खास रकम निवेश कर लंबे समय में कंपाउंडिंग की वजह से बड़ी राशि तैयार कर सकते हैं.
टॉप-अप इस तरह बढ़ा देता है रिटर्न
इस पूरी प्रक्रिया को एक उदाहरण से समझा जा सकता है. अगर आप 20 साल तक हर महीने 20 हजार रुपये एसआईपी के जरिए निवेश कर रहे हैं और आपको 11 प्रतिशत रिटर्न मिलता है तो 20 वर्ष के बाद आपको 1.75 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसका मतलब है कि इन 20 वर्षों में आपने 48 लाख रुपये लगाए और आपको 1.75 करोड़ रुपये मिलते हैं.
मान लीजिए इस बीच आपकी आय बढ़ जाती है और आप 10% अधिक निवेश करते हैं. हर महीने 10 % अतिरिक्त निवेश करने पर आप कुल 93.60 लाख रुपये का निवेश 20 वर्षों में करते हैं और आपको मिलते हैं 2.82 करोड़ रुपये. यानी सिर्फ 10 % टॉप-अप करने पर आपको कहीं अधिक राशि मिल जाती है.
टॉप-अप ऑप्शन जरूर लें
एसआईपी जब भी लें तो टॉप-अप का ऑप्शन लेने में ही समझदारी है. लगभग सभी एसआईपी के साथ टॉप-अप प्लान जुड़ा होता है. इस बात का ध्यान रखें कि टॉप-अप एसआईपी चुनने के बाद आप इसमें बदलाव नहीं कर सकते है. लेकिन बदलाव करना ही तो आपको मौजूदा एसआईपी को खत्म करके टॉप-अप के साथ नया एसआईपी कराना होगा.
(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्हीं भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)
यह भी पढ़ें:
Credit Card Tips: अगर आप रखते हैं एक से अधिक क्रेडिट कार्ड, तो समझ लें इसके फायदे और नुकसान
काम की बात: EPF Passbook डाउनलोड करना है बहुत आसान? यह है स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस