Mutual Funds: सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी सिप (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड्स में बड़ी संख्या में खुदरा निवेशक पैसा बना रहे हैं. अगर आप सिप में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें क्योंकि जानकारी की कमी की वजह से कई निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं और लाभ की जगह नुकसान उठाना पड़ जाता है. आज हम आपको 5 ऐसी गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो निवेशक अक्सर सिप में पैसा लगाते वक्त करते हैं.
वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट न होना
- अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो आपके वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए.
- अगर आपके वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट नहीं है तो आप गलत फंड चुन सकते हैं.
ग्रोथ के बजाय डिविडेंड प्लान चुनना
- ग्रोथ प्लान के बजाय डिविडेंड प्लान को तरजीह देना ठीक नहीं है.
- ऐसा करने वाले निवेशकों को लगता है कि जब म्यूचुअल फंड डिविडेंड की घोषणा करेगा तो उन्हें मोटी कमाई होगी.
- यह बात ज्यादातर निवेशकों को नहीं पता होती कि म्यूचुअल फंड्स अपनी असेट्स अंडर मैनेजमेंट से ही डिविडेंड का भुगतान करते हैं. इससे भुगतान किया गया डिविडेंड एनएवी से घट जाता है. वहीं, डिविडेंड की गणना फंड की फेस वल्यू पर की जाती है, ना कि एनएवी के आधार पर.
- यह बात भी ध्यान रखें कि ग्रोथ प्लांस में निवेशकों को टैक्स छूट के मामले में भी ज्यादा फायदा मिलता है.
बाजार जब नीचे आ रहा हो तो ये गलती न करें
- कई निवेशक बाजार नीचे आने पर सिप को रोक देते हैं और जब बाजार ऊपर जाता है तो निवेश शुरू करते हैं.
- लेकिन ऐसा करना गलत है और यह निवेश के बुनियादी सिद्धांत बाय लो एंड सेल हाई के बिल्कुल उल्ट है. आप गिरते बाजार के समय भी निवेश जारी रखकर इस गलती से बच सकते हैं.
- बाजार की चाल पर ध्यान न दें बल्कि निवेश अवधि के साथ मेल खाते फंड्स की कैटेगरी में इनवेस्ट करें. इस तरह आप सही फंड चुन सकते हैं.
बार-बार बदलाव न करें
- लगातार अपने पोर्टफोलियो में एडजस्ट न करें.
- किसी दूसरों की देखा-देखी शेयर्स की खरीद-बिक्री न करें. ऐसा नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि हर किसी के वित्तीय लक्ष्य और स्थितियां अलग होती हैं.
- बहुत से लोग फंड के पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश करते हैं लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है. हमेशा ध्यान रखें कि फंड का रिटर्न बदलता रहता है.
- फंड का मूल्य हर तिमाही में बदलता है. फंड्स को चुनने से पहले आपको अन्य मानकों का संदर्भ भी लेना चाहिए.
कम एनएवी को ना मानें सस्ता फंड
- कम एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) को सस्ते फंड के तौर पर नहीं लेना चाहिए.
- फंड की एनएवी ज्यादा या कम होने के कई कारण हो सकते हैं.
- निवेशकों को म्यूचुअल फंड में सिप के जरिए निवेश करते समय उसकी एनएवी पर ज्यादा जोर न दें.
- निवेशकों को फंड के पिछले प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही उसकी भविष्य की योजनाओं पर फोकस करना चाहिए.
(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्ही भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)
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