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इनकम टैक्स बचाने में मददगार हो सकते हैं म्यूचुअल फंड, जानें कैसे उठाएं फायदा
ईएलएसएस या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंडों में निवेश टैक्स डिडक्शन के दायरे में आता है. किसी फाइनेंशियल ईयर में इन स्कीमों में डेढ़ लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है
![इनकम टैक्स बचाने में मददगार हो सकते हैं म्यूचुअल फंड, जानें कैसे उठाएं फायदा Mutual funds may save your income tax, know how to use mutual funds investment to save tax इनकम टैक्स बचाने में मददगार हो सकते हैं म्यूचुअल फंड, जानें कैसे उठाएं फायदा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/09/02174200/MUTUAL-FUND_720x540_1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
म्यूचुअल फंड में निवेश टैक्स बचाने में कारगर साबित हो सकता है? लेकिन क्या सभी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश टैक्स बचाने में मददगार हैं. क्या लार्ज फंड में निवेश पर भी 80 सी के तहत छूट मिलती है? अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर टैक्स छूट हासिल करना चाहते हैं तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS और टैक्स सेविंग्स फंड में निवेश के जरिये यह संभव हो सकता है. अगर आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन क्लेम करने करना चाहते हैं तो ईएलएसएस फंडों में निवेश करना चाहिए.
ईएलएसएस में निवेश से बचाया जा सकता है टैक्स
ईएलएसएस या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंडों में निवेश टैक्स डिडक्शन के दायरे में आता है. किसी फाइनेंशियल ईयर में इन स्कीमों में डेढ़ लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. ईएलएसएस फंडों में निवेश करने से पहले कुछ चीजों को जरूर ध्यान में रखें. ईएलएसएस फंडों में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है. लेकिन सिर्फ तीन साल के निवेश नजरिये के साथ इनमें पैसा नहीं लगाना चाहिए. ईएलएसएस समेत इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश के लिए कम से कम पांच से सात साल का समय लेना चाहिए.
ईएलएसएस में निवेश के जोखिम को भी रखें ध्यान
हालांकि इन स्कीमों के अपने जोखिम भी हैं. ये स्कीमें अपने पोर्टफोलियो की अधिकतम रकम शेयरों में निवेश करती हैं. इनमें से ज्यादातर स्कीमें फ्लैक्सी कैप इनवेस्टमेंट स्ट्रेटजी को अपनाती हैं. यानी ये शेयर निवेश को स्मॉल, लार्ज और मिड कैप के हिसाब से बदलती रहती हैं. इसलिए इनमें जोखिम बढ़ सकता है. टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के लिए ईएलएसएस जरिया हो सकते हैं लेकिन इसमें जोखिम भी जुड़ा होता है. इन जोखिमों को ध्यान में रख कर ही म्यूचुअल फंड में निवेश के जरिये टैक्स बचाने की रणनीति बनानी चाहिए.
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