Healthy Portfolio: अच्छे म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी में इस तरह करें निवेश, सुरक्षित रहेगा आपका निवेश
Healthy Portfolio Tips: पोर्टफोलियो में बदलाव बाजार की स्थिति को देखकर करते रहना ही चाहिए क्योंकि ये कभी एक जैसा नहीं रहता है. यहां कभी छोटे तो कभी मझोले और कभी बड़ी कंपनियों के शेयर चलते हैं.
Healthy Portfolio Investment Tips: एक सुरक्षित और अच्छे भविष्य के लिए निवेश करना बहुत ही ज़रूरी है. लेकिन पैसे कहाँ और कैसे निवेश करें यह भी मुनाफा बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक होता है. निवेश करने के बहुत सारे विकल्प होते हैं, लेकिन एक डाइवर्सीफाइड पोर्टफोलियो का होना आवश्यक है जिससे जोखिम को कम से कम हो जाये. पोर्टफोलियो में बदलाव मार्किट के स्थिति को देख के करते रहना चाहिए, क्योंकि मार्किट कभी भी एक जैसा नहीं रहता.
यहां कभी कभी छोटे शेयर (Small Cap) चलते हैं तो कभी मझोली कंपनियों के शेयरों (Midcap) में तेजी दिखाई देती है। और कई बार तो बड़ी कंपनियां (Large Caps) अच्छा मुनाफा देती रहती है. आपको उन सेग्मेंट्स पर नजर रख कर निवेश बांटना चाहिए.
यहां करेंगे निवेश तो होगा बंपर मुनाफा
बाजार में एक्टिव फंड (Active Funds) होते हैं इनका काम होता है अच्छे रिटर्न्स देना. परन्तु पिछले 10 सालों में 80 फीसदी मौकों पर यह फंड्स उतने रिटर्न्स नहीं दे रहे हैं. इसलिए पैसिव फंड्स (Passive Funds) का महत्त्व बढ़ जाता है, क्योंकि यह मार्केट इंडेक्स के हिसाब से फंड्स चलाते हैं. इसी कारण पैसिव फंड्स किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होते हैं.
फंड्स ऑफ फंड
ये फंड किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए अच्छे और अहम होते हैं. इन्ही से म्यूचुअल फंड में भी निवेश किया जा सकता है, क्योंकि Fund of funds ETX (एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड) में निवेश करते हैं. Fund of funds में निवेश करने के कई सारे फायदे होते हैं:
- अगर Asset Rebalancing करना हो, तो ऐसे आंतरिक लेनदेन से होने वाले धन लाभ के ऊपर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगता.
- फंड्स ऑफ फंड के जरिये बाजार के अलग अलग सेग्मेंट में निवेश किया जा सकता है, जिसके कारण मुनाफा बढ़ जाते हैं और रिस्क कम होता है.
- फंड्स ऑफ फंड की लागत भी एक्टिव फंड्स से कम होती है. साधारण तौर पर फंड्स ऑफ फंड की लागत एक्टिव फंड्स से 1-1.5 प्रतिशत तक कम होती है.
ऐसे चुनें फंड
फंड्स ऑफ फंड कई प्रकार के होते हैं और उनका चुनाव निवेशक के लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार होना चाहिए. फंड्स ऑफ फंड में यदि कोई निवेश करना चाहे, तो अच्छे रिटर्न्स पाने के लिए कम से कम 5 सालों की अवधि होनी ही चाहिए.
किसी भी प्रकार के निवेश योजना को चुनने से पहले लोग अक्सर उस योजना की पिछले सालों के रिटर्न देखते हैं, जो कभी कभी उचित निर्णय नहीं होता. इसका कारण यह है कि बहुत सारी चीजें उस फण्ड के बारे में पता होनी चाहिए. पोर्टफोलियो में लार्ज कैप फंड्स होने ही चाहिए क्योंकि वह बड़ी कंपनियाँ होती हैं और उनमे अस्थिरता भी ज़्यादा नहीं होती. ऐतिहासिक रिटर्न्स को न देखते हुए इकॉनमी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निवेश करने में ही समझदारी हैं.
नए निवेशकों को मार्किट की समझ ज़्यादा न होने के कारण फंड्स ऑफ फंड में निवेश करना लाभदायक साबित होता हैं. ऐसे निवेशक बाजार के चक्र और अस्थिरता को बेहतर तरीके से समझ कर फिर एक्टिव फंड्स में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, हर निवेशक को अपना लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रख कर ही निवेश करना चाहिए.
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