Mutual Funds SIP: सितंबर में SIP के जरिए रिकॉर्ड निवेश, इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेशकों का रूझान बढ़ा
Mutual Funds Sector की नियामक संस्था के अनुसार पिछले महीने SIP में मासिक आधार पर 2 फीसदी निवेश आया और यह 12976 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है.
Mutual Funds To Invest In 2022: देश में म्यूचु्अल फंड इंडस्ट्री (Mutual Fund Industry) के लिए सितंबर माह बेहतरीन साबित रहा है और एसआईपी (SIP) में निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. देश में म्यूचुअल फंड सेक्टर (Mutual Funds Sector) की नियामक संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने SIP में मासिक आधार पर 2 फीसदी निवेश आया और यह 12976 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है. वही दूसरी ओर मासिक आधार पर एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) सितंबर में 0.87 फीसदी बढ़कर 39.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
इक्विटी फंड में 14100 करोड़ रु निवेश
आपको बता दे कि सितंबर महीने में इक्विटी म्यूचु्अल फंडों (Equity Mutual Fund) में निवेश मासिक आधार पर 130 फीसदी बढ़कर 14100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. 1 महीने पहले अगस्त 2022 में यह आंकड़ा 6120 करोड़ रुपये था जो 10 महीने का निचला स्तर पर रहा था.
बाजार में आई गिरावट
इक्विटी योजनाओं में निवेश ऐसे समय में बढ़ा जब बाजार में गिरावट आई थी और निफ्टी 50 में 3 फीसदी से अधिक गिरावट थी. जुलाई माह में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 8898 करोड़ रुपये, जून में 15,498 करोड़ रुपये, मई में 18529 करोड़ रुपये और अप्रैल में 15890 करोड़ रुपये निवेशकों ने डाले थे.
डेट स्कीम्स से पैसे निकले
मालूम हो कि इक्विटी म्यूचुअल फंडों में दो महीने के फीके रूझान के बाद सितंबर में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है, लेकिन डेट स्कीम्स को लेकर ठीक उल्टा रूझान रहा है. डेट योजनाओं में निवेशकों ने जुलाई में 4930 करोड़ रुपये और अगस्त में 49164 करोड़ लगाए थे, लेकिन अगले ही महीने सितंबर में 65372 करोड़ रुपये निकाल लिए. इससे पहले जून माह में 92248 करोड़ रुपये औऱ अप्रैल में 32722 करोड़ रुपये की डेट स्कीम्स से निकासी हुई थी.
क्या है वजह
AMFI के सीईओ एन.एस वेंकटेश (AMFI CEO NS Venkatesh) के अनुसार दुनियाभर में मंदी की आशंका के बीच भारत निवेश के लिए बेहतर बाजार बना हुआ है जिसके चलते भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ा है. इक्विटी में निवेश के लिए यह बेहतर मौका है. वहीं डेट स्कीम्स में से पैसे निकालने के कारण तिमाही का आखिरी माह में एडवांस टैक्स का पेमेंट करने के लिए पैसे निकाले गए है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते लंबी अवधि के फंड्स पर निगेटिव असर पड़ा औऱ रिडेम्प्शन में तेजी आई है.
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