शेयर बाजार में निवेश करने वालों को हमेशा इस बात की चिंता सताती है कि वे बाजार में कब पैसे लगाएं? बाजार जब गिरा होता है, तब इ बात का डर सताता है कि कहीं अभी और गिरावट न आने वाली हो और वहीं जब बाजार ऊंचाइयों पर होता है, तब निवेशकों को बिकवाली का डर सताते रहता है. ऐसे में निवेशकों के काम आता है बैलेंस्ड एडवांटेज फंड यानी बैफ.
यह है बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का मतलब
सबसे पहले यह जानते हैं कि आखिर यह बैलेंस्ड एडवांटेज फंड है क्या.. दरअसल यह म्यूचुअल फंड का एक ऐसा उत्पाद है, जो इक्विटी और डेट दोनों का मिला जुला होता है. बाजार की स्थितियों, ब्याज दरों और व्यापक आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर इक्विटी और डेट के बीच बैफ में बदलाव होते रहता है. यह बाजार के हालात से निवेशकों का बचाव करता है. बाजार चाहे गिरा हुआ हो या नई ऊंचाइयों पर हो, नया संतुलन हो जाने से निवेशकों के लिए ये फंड जोखिम को कम कर देते हैं.
अभी के माहौल में प्रासंगिक हैं ये फंड
जब बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों में तेजी से बदलाव हो रहा हो, तब एक आम निवेशक के लिए उसके हिसाब से अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करते रह पाना मुश्किल हो जाता है. जैसे मौजूद हालात को देखें तो दुनिया साल भर से ज्यादा समय से पूर्वी यूरोप में युद्ध की स्थिति से जुझ रही है. ग्लोबल इकोनॉमी के ऊपर मंदी का खतरा है. महंगाई और उसके कारण लगातार बढ़ते ब्याज दरों का दबाव है. ऐसे माहौल में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज जैसे फंड ने पिछले एक दशक से भी अधिक समय में इक्विटी या डेट में एंट्री-एक्जिट को अच्छे से मैनेज किया है.
इस उदाहरण से आसानी से समझें
यह फंड इक्विटी के लिए एक कड़े इन-हाउस वैल्यूएशन मॉडल का पालन करता है, ताकि यह तय किया जा सके कि स्टॉक महंगे हैं या सस्ते. जब मार्च 2020 में महामारी के तुरंत बाद सेंसेक्स में भारी गिरावट आई और यह 29,000 अंक से नीचे आ गया, तब फंड ने इक्विटी में शुद्ध निवेश बढ़ाकर 73.7 फीसदी कर दिया. नवंबर 2021 तक जब बाजार 60,000 अंक से अधिक के स्तर तक पहुंच गया, तब बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने अपनी शुद्ध इक्विटी को 30 फीसदी से कम कर दिया. मई 2023 तक बैफ का शुद्ध इक्विटी निवेश 39.7 फीसदी था.
ऐसी रणनीति पर करता है काम
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड की यह रणनीति होती है कि जब बाजार नीचे हो तो सस्ते में शेयर खरीदे जाएं और जब बाजार ऊपर हो तो उसे महंगे में बेचकर निकल जाएं. इससे निवेशकों को महंगे बाजारों के दौरान मुनाफा कमाने में मदद मिलती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि इन फंडों का शुद्ध इक्विटी एक्सपोजर 30 फीसदी के स्तर तक नीचे जा सकता है, लेकिन आम तौर पर इक्विटी में निवेश 65 फीसदी और उससे अधिक पर बनाए रखा जाता है.
इस बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का रिटर्न
आंकड़े बताते हैं कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने पिछले 10 सालों में 13.5 फीसदी की दर से रिटर्न दिया है. एक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करते समय लोगों को यह उम्मीद रहती है कि उसका रिटर्न महंगाई को मात देगा और डेट रिटर्न से बेहतर होगा.इसके साथ-साथ इस बात की भी आशंका रहती है कि बैफ का रिटर्न लंबी अवधि में इक्विटी रिटर्न से कुछ कम रह सकता है.
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