एन चंद्रशेखरन ने संभाली कमान, कहा 'टाटा ग्रुप बनेगा इंडस्ट्री का लीडर'
![एन चंद्रशेखरन ने संभाली कमान, कहा 'टाटा ग्रुप बनेगा इंडस्ट्री का लीडर' N Chandrasekaran Takes Charge As Tata Sons Chairman Says Tatas Will Lead Not Follow एन चंद्रशेखरन ने संभाली कमान, कहा 'टाटा ग्रुप बनेगा इंडस्ट्री का लीडर'](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2017/01/13121526/natrajan-chandrashekheran1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: टाटा संस के नए चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने आज बागडोर संभाल ली है. उन्होंने समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के चेयरमैन का कार्यभार संभाला है. चंद्रशेखरन ने समूह की कंपनियों में अनुशासनबद्ध पूंजी आवंटन व शेयरधारक रिटर्न का वादा किया. उन्होंने कंपनी शेयरधारकों से कहा कि वे ‘अनुयायी नहीं, अगुवा बनें.’ चंद्रशेखरन ने कार्यभार संभालने के बाद कहा, ‘हम मिलकर अपने कारोबार के सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये काम करेंगे, हम सबसे आगे होंगे. किसी का अनुसरण नहीं करेंगे.’’ चंद्रशेखरन समूह के पहले गैर-प्रमोटर, गैर-पारसी व गैर शेयरहोल्डर चेयरमैन हैं. वह लंबे समय तक समूह की प्रमुख कंपनी टीसीएस के प्रमुख रहे हैं. चंद्रशेखरन समूह के ऐसे पहले चेयरमैन हैं जो टाटा-परिवार से नहीं जुड़े हैं.
इस अवसर पर उन्होंने पूंजी आवंटन व शेयरधारकों के रिटर्न जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी राय रखी. उन्होंने कहा, ‘हम टाटा समूह में सभी व्यापार प्रमुखों के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि पूंजी आवंटन व शेयरधारक रिटर्न में अनुशासन आए.’ याद रहे कि पिछले साल 24 अक्तूबर को टाटा ग्रुप के तत्कालीन चेयरमैन साइरस मिस्त्री को अचानक पद से हटा दिया गया था. ऐसा माना जाता है कि टाटा संस में 66 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले टाटा ट्रस्टों को समूह कंपनियों की ओर से जाने वाले डिविडेंड में कमी, मिस्त्री की अचानक पद से हटाए जाने की एक वजह थी. मिस्त्री के बाद रतन टाटा (79) ने अंतरिम चेयरमैन के रूप में समूह की बागडोर एक बार फिर संभाली.
टाटा समूह के मुख्यालय ‘‘बांबे हाउस’’ के बाहर नए चेयरमैन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘हम सबसे आगे होंगे और टाटा ग्रुप किसी का अनुसरण नहीं करेगा. चंद्रशेखरन ने नमक से लेकर साफ्टवेयर क्षेत्र में कार्यरत 103 अरब डालर के टाटा समूह के चेयरमैन का कार्यभार संभालने के मौके पर कहा, ‘‘यह जिम्मेदारी संभालना मेरे लिये सौभाग्य और सम्मान की बात है. मैं अपनी इस नई भूमिका में आने वाले सालों में टाटा समूह की सेवा के लिये तैयार हूं, इसके लिये मैं सभी का समर्थन चाहता हूं ताकि हम सभी मिलकर काम कर सकें.’’ सूत्रों ने बताया कि टाटा संस के नये चेयरमैन ने अपना काम शुरू करते हुये बांबे हाउस में टाटा संस निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता की.
चंद्रशेखरन तीन दशक से टीसीएस से जुड़े हैं. इस दौरान उन्होंने टीसीएस को देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी बनाने में काफी योगदान किया. उनके नेतृत्व में टीसीएस समूह की सबसे बेशकीमती कंपनी बन गई. 53 वर्षीय चंद्रशेखरन आज सुबह सवा नौ बजे टाटा संस के मुख्यालय पहुंचे और कुछ ही मिनटों में रतन टाटा और निदेशक मंडल के अन्य सदस्य भी वहां पहुंच गये. चंद्रशेखरन ने इससे पहले कल टीसीएस के निदेशक मंडल की अध्यक्षता की जिसमें उन्होंने किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरों की 16,000 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी शेयर बायबैक स्कीम की घोषणा की.
चंद्रशेखरन ने ऐसे समय में टाटा संस के चेयरमैन का कार्यभार संभाला है जब टाटा ग्रुप में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से अचानक हटाये जाने के बाद वाद-विवाद का दौर चल रहा है. मिस्त्री ने समूह की कार्यप्रणाली और रतन टाटा के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाये हैं. हालांकि, टाटा ने सभी आरोपों को खारिज किया है.
रतन टाटा के अंतरिम चेयरमैन रहते साइरस मिस्त्री को समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल से और अंत में समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल से भी हटा दिया गया.
उद्योग जगत के पारखी लोगों के मुताबिक टाटा समूह का काफी कुछ दारोमदार टीसीएस और टाटा समूह द्वारा खरीदी गई ब्रिटेन की ऑटो मैन्यूफैक्चरर कंपनी जेएलआर पर निर्भर है. टाटा समूह की अन्य कंपनियां जैसे कि टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और होटल श्रंखला का कारोबार संबंधित क्षेत्रों में उस स्तर पर नहीं हैं.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)