N Chandrasekaran: एक इंटर्न, जो बन गया पूरे समूह का सबसे बड़ा नाम, रतन टाटा से है बड़ा करीबी संबंध
Who leads Tata Group: आज के समय में इनके पास देश की कई बड़ी कंपनियों को संभालने की जिम्मेदारी मिली हुई, जिनका पूरा कारोबारी साम्राज्य 11 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है...
सुई से लेकर जहाज तक बनाने वाले कारोबारी समूह टाटा के नाम से शायद ही कोई अवगत नहीं हो. टाटा समूह की गिनती भारत के सबसे बड़े और सबसे पुराने कारोबारी घरानों में की जाती है. टाटा समूह को एक और बात खास बनाती है, वो है कि एक सदी से भी ज्यादा पुराने इतिहास वाला यह कारोबारी साम्राज्य कोई फैमिली बिजनेस नहीं है. यानी टाटा के कारोबारी साम्राज्य पर किसी खास परिवार का नियंत्रण नहीं है.
इन टॉप कंपनियों के बोर्ड के चेयरमैन
टाटा समूह की सभी कंपनियों पर टाटा संस का नियंत्रण रहता है, जिसे टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी कहा जाता है. अभी टाटा संस के चेयरमैन हैं एन चंद्रशेखरन. नटराजन चंद्रशेखरन टाटा समूह की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस समेत कई कंपनियों के बोर्ड के चेयरमैन हैं, जिनमें टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, एयर इंडिया, टाटा केमिकल्स, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, इंडियन होटल कंपनी आदि शामिल हैं. कुल मिलाकर एन चंद्रशेखरन जिन कंपनियों की अगुवाई कर रहे हैं, उनकी सम्मिलित वैल्यू 11 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो जाती है.
टीसीएस में इंटर्न के रूप में शुरुआत
एन चंद्रशेखरन लंबे समय से टाटा समूह का हिस्सा हैं. उन्हें टाटा संस के मानद चेयरमैन एवं दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बेहद खास व भरोसेमंद माना जाता है. उन्हें कॉरपोरेट के गलियारे में अक्सर रतन टाटा का दाहिना हाथ कह दिया जाता है. पूरे समूह की जिम्मेदारी संभालने से पहले चंद्रशेखरन देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस की कमान संभाल चुके हैं. वह 2009 से 2017 तक टीसीएस के सीईओ व एमडी रहे हैं. उन्होंने टीसीएस के साथ एक इंटर्न के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और आज समूह के सबसे बड़े पद पर आसीन हैं.
टीसीएस में किया 3 दशकों तक काम
चंद्रशेखरन ने तमिलनाडु के कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अप्लायड साइंसेज में बैचलर्स डिग्री ली है. वहीं एनआईटी तिरुचिरापल्ली से उन्होंने एमसीए किया है. उनकी पहली नौकरी एक इंटर्न के रूप में 1987 में टीसीएस के साथ शुरू हुई, जहां उन्होंने 3 दशकों तक काम किया. टीसीएस के 3 दशक के अपने कार्यकाल में उन्होंने शून्य से शिखर का सफर तय किया. करीब 8 साल तक टीसीएस का सबसे बड़ा पद संभालने के बाद अब वह पूरे टाटा समूह की अगुवाई कर रहे हैं.
इतनी ज्यादा है चंद्रशेखरन की सैलरी
देश के कारोबार जगत में एन चंद्रशेखरन का योगदान अविस्मरणीय है. उनके योगदान की पहचान भारत सरकार भी कर चुकी है और तीसरे सबसे बड़े असैन्य सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित कर चुकी है. उनकी गिनती देश के सबसे ज्यादा सैलरी वाले एक्जीक्यूटिव्स में की जाती है. डीएनए इंडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि 2021-22 में उनका सालाना सैलरी पैकेज 109 करोड़ रुपये का था.
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