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Ethanol Production: तेज होगा इथेनॉल का उत्पादन, चीनी की जगह मक्के का होगा ज्यादा इस्तेमाल, हुआ ये बदलाव
Maize Ethanol Production: सरकार ने इथेनॉल के उत्पादन में तेजी लाने और चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अब गन्ने की जगह मक्के के ज्यादा इस्तेमाल की नीति अपनाई है...
![Ethanol Production: तेज होगा इथेनॉल का उत्पादन, चीनी की जगह मक्के का होगा ज्यादा इस्तेमाल, हुआ ये बदलाव Nafed and NCCF got permission to sale maize for ethanol production base rate got fixed Ethanol Production: तेज होगा इथेनॉल का उत्पादन, चीनी की जगह मक्के का होगा ज्यादा इस्तेमाल, हुआ ये बदलाव](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/22/1885c679780f353a83d0671abc6c4e2a1708570966019685_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
सरकार ने मक्के से इथेनॉल बनाने को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है. अब इथेनॉल बनाने वालों को सहकारी एजेंसियों से तय दर पर मक्के की आपूर्ति मिलेगी. इस बदलाव से जहां एक ओर बिना किसी रुकावट के इथेनॉल का उत्पादन सुनिश्चित होगा, वहीं दूसरी ओर बाजार में चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
केंद्र सरकार ने किया ये बदलाव
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने सहकारी एजेंसियों नाफेड और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) को इथेनॉल बनाने के लिए इस साल 2,291 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मक्के की आपूर्ति करने की मंजूरी दी है. दोनों सहकारी एजेंसियां फसल वर्ष 2023-24 के दौरान 2,090 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्के की खरीद करेंगे और उसे इथेनॉल बनाने वालों को 2,291 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सप्लाई करेगी.
अभी गन्ने से बनता है सबसे ज्यादा इथेनॉल
अभी देश में इथेनॉल बनाने में मुख्य तौर पर गन्ने का इस्तेमाल होता है. गन्ने से ही चीनी भी बनाई जाती है. बीते दिनों चीनी के भाव में तेजी रिकॉर्ड की गई थी. इसका मुख्य कारण बाजार में डिमांड की तुलना में चीनी की सप्लाई का कम रहना था. उसके बाद सरकार ने शुगर मिलों को निर्देश दिया था कि वे इथेनॉल बनाने में गन्ने का इस्तेमाल नहीं करें.
चीनी के उत्पादन में कमी आने की आशंका
विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024) के दौरान देश के चीनी उत्पादन में कमी आने की आशंका है. ऐसे में सरकार एहतियाती कदम उठा रही है. चीनी के उत्पादन के लिए गन्ने की उपलब्धता पर्याप्त बनी रहे, इसके लिए सरकार मक्के को विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रही है. यही कारण है कि सरकार ने मक्के की आपूर्ति के लिए ताजा बदलाव किया है.
तेल कंपनियों ने बढ़ाई खरीदी दर
जुलाई 2023 से जून 2024 के दौरान यानी फसल वर्ष 2023-24 के दौरान देश का मक्का उत्पादन 22.48 मिलियन टन रहने की उम्मीद है. यह आंकड़ा कृषि मंत्रालय ने अपने पहले एडवांस्ड एस्टिमेट में बताया है. वहीं तेल कंपनियों ने मक्के से बने इथेनॉल को खरीदने की दर बढ़ाकर 5.79 रुपये प्रति लीटर कर दी है.
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