इंफोसिस में नंदन नीलेकणि की वापसीः बने नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन
कल ही इंफोसिस के पूर्व सीएफओ वी बालकृष्णन ने नंदन नीलेकणि को कंपनी का चेयरमैन बनाए जाने की वकालत की थी. उन्होंने कहा था कि मौजूदा स्थिति में अपने अनुभव और ग्राहकों की समझ के चलते नीलेकणि कंपनी की लीडरशिप के लिए एक ‘अच्छा चेहरा’ हो सकते हैं.
नई दिल्लीः विशाल सिक्का के जाने के बाद इंफोसिस के लिए नए चेहरे की तलाश पूरी हो गई है. नंदन नीलेकणि को इंफोसिस का नया नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन नियुक्त किया गया है. नंदन नीलेकणि की आईटी दिग्गज इंफोसिस में वापसी के कयास 2 दिन से थे क्योंकि टॉप 12 फंड मैनेजर्स समेत कई पूर्व और मौजूदा इंफोसिस अधिकारी इसकी सिफारिशें कर रहे थे.
नंदन नीलेकणि इंफोसिस के सह संस्थापक और पूर्व मुख्य कार्यकारी भी रह चुके हैं. नीलेकणि के दौर में इंफोसिस के राजस्व में 42 फीसदी और मार्जिन में 28 फीसदी की सालाना ग्रोथ देखी गई थी. फिलहाल नंदन नीलेकणि यूआईएडीआई चेयरमैन के तौर पर कार्यरत हैं.
गौरतलब है कि कल ही इंफोसिस के पूर्व सीएफओ वी बालकृष्णन ने नंदन नीलेकणि को कंपनी का चेयरमैन बनाए जाने की वकालत की थी. उन्होंने कहा था कि मौजूदा स्थिति में अपने अनुभव और ग्राहकों की समझ के चलते नीलेकणि कंपनी की लीडरशिप के लिए एक ‘अच्छा चेहरा’ हो सकते हैं.
Nandan Nilekani appointed #Infosys non executive Chairman pic.twitter.com/6phxm6keLB
— ANI (@ANI) August 24, 2017
विशाल सिक्का के इस्तीफे से मची थी इंफोसिस में उथल-पुथल इंफोसिस के पहले गैर संस्थापक सीईओ विशाल सिक्का ने पिछले सप्ताह अचानक इस्तीफा दे दिया था. इंफोसिस के निदेशक मंडल ने इसके लिए कंपनी के सह संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति को जिम्मेदार ठहराया था. विशाल सिक्का के बाद कंपनी के चेयरमैन आर शेषासायी और वाइस चेयरमैन रवि वेंकटेशन ने भी इस्तीफा दिया था जिसे इंफोसिस ने मंजूर कर लिया. इंफोसिस से विशाल सिक्का के जाने के बाद लगातार दो सत्रों में कंपनी का शेयर 15 फीसदी तक टूटा और उसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 34,000 करोड़ रुपये घट गया था.
नंदन नीलेकणि बता दें कि नंदन नीलेकणि साल मार्च 2002-2007 अप्रैल तक इंफोसिस के सीईओ रहे थे. फिर वो साल साल 2009 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईएडीएआई) के चेयरमैन बने थे. आधार नंबर देने का श्रेय नंदन नीलेकणि को दिया गया. साल 2014 में नंदन नीलेकणि कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे और उन्होंने बंगलुरू साउथ सीट से चुनाव भी लड़ा था. नंदन नीलेकणि, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सलाह समिति में भी रह चुके हैं.
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