Infosys Founder: इंफोसिस (Infosys) जैसी दिग्गज आईटी कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) को आज भी एक बात का पछतावा है. उन्हें ऐसा लगता है कि पत्नी सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) और बेटे रोहन मूर्ति (Rohan Murthy) को अपने साथ बिजनेस में न जोड़कर उन्होंने ठीक नहीं किया. नारायण मूर्ति ने हमेशा अपने परिवार को इंफोसिस से दूर रखा. इसे उन्होंने गलत आदर्शवाद बताया है. उनका कहना है कि सुधा मूर्ति उनके अलावा कंपनी के शुरुआती सातों कर्मचारियों से ज्यादा योग्य थीं. साथ ही वह इंफोसिस की पहली निवेशक भी थीं.
इंफोसिस के सातों संस्थापकों से ज्यादा योग्य थीं सुधा मूर्ति
एक इंटरव्यू के दौरान नारायण मूर्ति ने अपने परिवार को लेकर विचार सबके सामने रखे. उन्होंने बताया कि वह हमेशा परिवार को बिजनेस से दूर रखने का आदर्शवाद लेकर चल रहे थे. उन्होंने बताया कि बेटा रोहन मूर्ति भी इसी राह पर है. वह भी परिवार को बिजनेस में शामिल नहीं करना चाहता. हालांकि, अब उन्हें लगता है कि यह गलत निर्णय था. उन्हें आज एहसास है कि सुधा मूर्ति इंफोसिस के सातों संस्थापकों (Infosys Founders) से ज्यादा काबिल थीं. वह देश की जिग्गज आईटी कंपनी को बहुत आगे ले जा सकती थीं.
10 हजार रुपये का निवेश किया था सुधा मूर्ति ने
सीएनबीसी टीवी18 से बात करते हुए इंफोसिस के सह संस्थापक ने बताया कि सुधा मूर्ति ने कंपनी शुरू करते समय हमें 10 हजार रुपये दिए. उस समय मेरे अलावा अशोक अरोड़ा, के दिनेश, क्रिष गोपालकृष्णन, नंदन नीलेकणि, एनएस राघवन और एसडी शिबुलाल इंफोसिस से जुड़े. मगर, हमने सुधा मूर्ति को अपने साथ नहीं लिया. सुधा ने ही हमें निर्यात के बारे में सलाह दी. वह हम सभी से योग्य थीं.
उन दिनों व्यापार में सिर्फ परिवार का होता था बोलबाला
उन्होंने कहा कि मुझे लगता था कि परिवार को साथ न लाकर वह गुड गवर्नेंस का एक उदाहरण पेश कर रहे हैं. उन दिनों व्यापार में सिर्फ परिवार का बोलबाला होता था. सभी बच्चे आकर मां-बाप द्वारा बनाई गई कंपनियों के मालिक बन जाते थे. सभी कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा था. अब मैं सबके सामने स्वीकार रहा हूं कि परिवार को लेकर मैं गलत था.
रोहन मूर्ति कभी भी इंफोसिस ज्वाइन नहीं करेंगे
उन्होंने कहा कि बेटा रोहन मूर्ति कभी भी इंफोसिस ज्वाइन नहीं करेगा. रोहन फिलहाल एआई कंपनी सोरोको (Soroco) के फाउंडर एवं सीटीओ हैं. नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता (Akshata Murthy) की शादी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) से हुई है. वह इंफोसिस में 0.93 फीसदी की हिस्सेदार हैं. उन्होंने कहा कि वह अब इंफोसिस में सिर्फ शेयरहोल्डर हैं. लगभग 6 सालों से उनसे किसी मसले पर सलाह नहीं मांगी गई है.
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