Narayana Murthy: नारायण मूर्ति को गुस्सैल क्लाइंट ने स्टोर रूम में एक बॉक्स पर सुलाया, कमरे में खिड़कियां तक नहीं थी
Narayan Murthy and Sudha Murthy: भारतीय मूल की अमेरिकी लेखक चित्रा बनर्जी दिवाकरुणि ने नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के जीवन पर एक किताब लिखी है. इसमें दोनों के जीवन के कई रोचक किस्से हैं.
Narayan Murthy and Sudha Murthy: इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति का जीवन संघर्षों भरा रहा है. उन्होंने और उनके सात दोस्तों ने मिलकर इंफोसिस की स्थापना की थी. उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने कंपनी को शुरू करने के लिए पहला इनवेस्टमेंट 10 हजार रुपये के तौर पर किया था. अब नारायण मूर्ति ने बताया है कि उनका पाला एक गुस्सैल अमेरिकी क्लाइंट से भी पड़ा था. उसने मूर्ति को अपने घर के स्टोर रूम में सुलाया था.
किताब से सामने आए रोचक किस्से
दरअसल नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के जीवन पर एक किताब एन अनकॉमन लव: द अर्ली लाइफ ऑफ सुधा मूर्ति एंड नारायण मूर्ति (An Uncommon Love: The Early Life of Sudha and Narayana Murthy) मार्केट में आई है. इसमें नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति के जीवन के बेहद रोचक किस्से निकलकर सामने आए हैं. इसमें उनकी शादी से लेकर इंफोसिस के जन्म और बच्चों के जीवन में आने के बाद हुए बदलावों पर नजर डाली गई है. यह किताब भारतीय मूल की अमेरिकी लेखक चित्रा बनर्जी दिवाकरुणि ने लिखी है.
गुस्सैल अमेरिकी क्लाइंट के साथ किया था काम
इसमें नारायण मूर्ति ने बताया कि वह इंफोसिस के शुरुआती दिनों में एक अमेरिकी क्लाइंट के लिए काम किया करते थे. उसका स्वभाव बेहद गुस्सैल था. एक बार जब वह अमेरिका गए तो उस क्लाइंट ने उन्हें सोने के लिए अपना स्टोर रूम दिया, इसमें कई सारे बॉक्स पड़े हुए थे. इन्हीं में से एक बड़े बॉक्स पर उन्होंने रात गुजारी. इस स्टोर रूम में खिड़कियां भी नहीं थीं. जबकि इस घर में चार बेडरूम थे.
देर से पेमेंट करते थे डॉन
मूर्ति ने बताया कि डॉन लिल्स डाटा बेसिक्स कॉर्पोरेशंस के मालिक थे. वह अक्सर मूर्ति से गुस्सा रहा करते थे. वह कई बार पेमेंट करने में देरी करते थे. मूर्ति उन पर लगातार समय से पेमेंट का दबाव डालते थे इसलिए वह उनसे काफी खफा रहते थे. नारायण मूर्ति या उनके सहयोगी जब कभी भी मैनहेटन जाते थे तो वो समय से होटल की बुकिंग नहीं करते थे. इसके अलावा वह आखिरी समय में जाकर अपनी डिमांड बदल देते थे इसके चलते मूर्ति और उनकी टीम को प्रोजेक्ट में काफी बदलाव करने पड़ जाते थे.
सुधा मूर्ति की आया था बहुत गुस्सा
मूर्ति ने कहा कि बॉक्स पर सोने वाली घटना ने उन्हें अंदर तक परेशान कर दिया था. मेरी मां हमेशा कहा करती थीं कि अतिथि भगवान् के समान होता है उसके साथ किया गया व्यवहार दर्शाता है कि आप कैसे इंसान हैं. वह हमेशा घर आए लोगों को पूरे सम्मान से खाना-पीना दिया करती थीं. मगर, डॉन अपने आरामदायक बिस्तर पर सो रहा था और मैं बॉक्स पर. इस घटना पर सुधा मूर्ति काफी गुस्सा हो गई थीं.
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