(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Narayanan Vaghul: आईसीआईसीआई बैंक को जन्म देने वाले दिग्गज बैंकर नारायणन वघुल ने ली अंतिम सांस
ICICI Bank: नारायणन वघुल को आनंद महिंद्रा ने भीष्म पितामह कहा था. उन्होंने ICICI को बैंक बनाने में अहम भूमिका निभाई. साथ ही केवी कामत समेत कई महिलाओं को लीडरशिप रोल के लिए तैयार भी किया.
ICICI Bank: भारतीय बैंकिंग सेक्टर के दिग्गज नाम और पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित बैंकर नारायणन वघुल (Narayanan Vaghul) का निधन हो गया है. उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में चेन्नई में अंतरिम सांस ली. वह चेन्नई के अपोलो अस्पताल में दो दिन से वेंटिलेटर पर थे. नारायणन वघुल को आईसीआईसीआई बैंक को शिखर तक पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के साथ अपने कैरियर की शुरुआत की थी. उन्हें मात्र 44 वर्ष की उम्र में ही बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) का सबसे युवा चेयरमैन बना दिया गया था. महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) उन्हें भीष्म पितामह कहते थे.
Today, I grieve for the Bhishma Pitamah of Indian Banking—Mr. N.Vaghul, who passed away this morning.
— anand mahindra (@anandmahindra) May 18, 2024
I grieve not just for a Titan of Indian Business, but for one of the most inspiring & generous people I have ever had the good fortune to encounter.
He was a member of the… pic.twitter.com/YgIs5BsE4d
राजीव गांधी की सरकार में सौंपा गया था ICICI का जिम्मा
राजीव गांधी की सरकार में उन्हें ICICI का प्रमुख बनाया गया था. उन्होंने प्राइवेट सेक्टर के इस बैंक को विशालकाय बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वह बेहोश होकर अपने घर में गिर पड़े थे. इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था. नारायणन वघुल को ट्रेड एंड इंडस्ट्री कैटेगरी में साल 2010 में पद्म भूषण दिया गया था. उन्होंने साल 2023 में रिफ्लेक्शंस (Reflections) नाम से अपना संस्मरण भी जारी किया थ. इसमें उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में अपना दशकों का अनुभव लिखा था.
ICICI को बैंक बनाने में निभाई थी अहम भूमिका
शिक्षक और पब्लिक सेक्टर बैंकर को 80 के दशक में तत्कालीन इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (ICICI) की बागडोर सौंपी गई थी. उन्होंने ICICI के एमडी और सीईओ के तौर पर बेहतरीन काम किया और ICICI Bank को जन्म दिया गया. आज यह ICICI Bank सफलता से काम कर रहा है. उन्होंने इस वित्तीय संस्थान को आगे बढ़ाने में महती भूमिका निभाई थी. उन्होंने 1996 में अपना पद छोड़ दिया था. वह साल 2009 तक बोर्ड में नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने रहे.
कई महिलाओं को लीडरशिप रोल के लिए किया तैयार
ऐसा कहा जाता है कि उस दौरान नारायणन वघुल केवी कामत (K V Kamath) को अगला सीईओ बनाने के लिए तैयार कर रहे थे. उन्होंने बैंक में महिलाओं को लीडरशिप रोल के लिए तैयार किया. उनके नेतृत्व में कल्पना मोरपारिया (Kalpana Morparia), ललिता गुप्ते (Lalita Gupte), शिखा शर्मा (Shikha Sharma) और रेणुका रामनाथ (Renuka Ramnath) जैसी भविष्य की फाइनेंशियल लीडर तैयार हुईं. इन सभी ने विभिन्न कंपनियों में बड़े पदों पर काम किया.
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