100 Days Agenda: नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं. सोमवार को उन्होंने मंत्रियों के बीच विभागों का भी बंटवारा कर दिया है. निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस बार भी वित्त मंत्रालय ही संभालेंगी. अब वित्त मंत्री जुलाई में बजट पेश करने की तैयारी में जुट जाएंगी. पीएम मोदी ने पहला फैसला लेते हुए किसान सम्मान निधि (Kisan Samman Nidhi) की पहली किस्त जारी कर दी है. अब मोदी सरकार के 100 दिन के एजेंडे पर पूरे देश की नजर है. इसमें इकोनॉमिक ग्रोथ, टैक्स सिस्टम, इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इनोवेशन और गवर्नेंस के स्तर पर बड़े फैसलों की उम्मीद है.
जुलाई में आने वाले बजट में हो सकते हैं बड़े ऐलान
भारत की इकोनॉमी के लिए साल का सबसे बड़ा इवेंट जुलाई में आने वाला बजट होगा. यह देश की दिशा तय करेगा. सरकार ने किसान सम्मान निधि पर फैसला लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. इस फैसले से लगभग 9.3 करोड़ किसानों के अकाउंट में 20 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर होंगे. पीएम मोदी ने फाइल पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि उनकी सरकार किसान कल्याण के लिए काम करती रहेगी. आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में बड़े फैसले लिए जाएंगे.
एक्सपोर्ट, मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार बढ़ाने वाले फैसलों की उम्मीद
नई सरकार से उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार एक्सपोर्ट बढ़ाने पर जोर देगी. इसके लिए ब्रिटेन, ओमान और यूरोपीय यूनियन के साथ सहयोग बढ़ाया जाएगा. सरकार की प्राथमिकताओं में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना भी होगा. इससे प्राइवेट सेक्टर में निवेश बढ़ेगा और नौकरियां भी पैदा होंगी. वित्त मंत्रालय टैक्स सिस्टम में सुधार के फैसले ले सकता है. तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में जीएसटी रेट (GST Rates) को तार्किक बनाने पर भी काम होने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना पर रहेगा सबसे ज्यादा जोर
मोदी सरकार के पहले 100 दिन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत ज्यादा से ज्यादा घर बनाने पर जोर रहेगा. सोमवार को ही पीएम ने 3 करोड़ नए पक्के घर बनाने का फैसला लिया है. इसके अलावा एमएसएमई सेक्टर में लागू किया गया 45 दिनों में पेमेंट के नियम में सुधार किया जा सकता है. इस फैसले का विरोध हो रहा है. साथ ही दिवालिया नियमों में भी बदलाव किया जा सकता है. इससे रियल एस्टेट सेक्टर को राहत मिलने की उम्मीद है. विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस भारत में लाने के प्रयास तेज होंगे. कंपनी एक्ट पर भी पुनर्विचार किया जा सकता है. भारत के डेटा कलेक्शन सुधार में भी नई सरकार से काफी अपेक्षाएं हैं.
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