रोजगार की तलाश कर रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है. सरकार के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नेशनल करियर सर्विस पोर्टल यानी एनसीएस पोर्टल पर अभी 20 लाख से ज्यादा पदों की रिक्तियां आई हुई हैं. ऐसा पहली बार हुआ है, जब एनसीएस पोर्टल पर कुल रिक्तियां 20 लाख के पार निकल गई हैं.


श्रम मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में बताई बात


श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इसकी जानकारी मंगलवार को जारी एक बयान में दी. मंत्रालय ने बताया कि 30 जुलाई 2024 को पहली बार पोर्टल पर वैकेंसी की कुल संख्या 20 लाख से ज्यादा हो गई. आधिकारिक बयान के अनुसार, अभी सबसे ज्यादा वैकेंसी फाइनेंस व इंश्योरेंस सेक्टर में है. उसके अलावा ऑपरेशंस, सपोर्ट, मैन्युफैक्चरिंग आदि सेक्टर में भी लोगों की बड़ी संख्या में जरूरत है.


इन सेक्टरों में सबसे ज्यादा रिक्तियां


मंत्रालय ने बताया है- अभी पोर्टल पर फाइनेंस से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक विभिन्न सेक्टरों में रिक्तियों की भरमार है. सबसे ज्यादा 14.7 लाख रिक्तियां फाइनेंस एंड इंश्योरेंस सेक्टर में हैं. इसी तरह ऑपरेशंस एंड सपोर्ट में 1.08 लाख, सर्विस सेक्टर की अन्य गतिविधियों में 0.75 लाख, मैन्युफैक्चरिंग में 0.71 लाख, ट्रांसपोर्ट एंड स्टोरेज में 0.59 लाख, आईटी एंड कम्युनिकेशन में 0.58 लाख, एजुकेशन में 0.43 लाख, होलसेल एंड रिटेल में 0.25 लाख और हेल्थ में 0.20 लाख रिक्तियां हैं.


फ्रेशर युवाओं के लिए मौकों की भरमार


पोर्टल पर उपलब्ध रिक्तियों की अच्छी बात ये है कि उपलब्ध मौकों में फ्रेशर्स के लिए भी खूब मौके हैं. मंत्रालय के अनुसार, पोर्टल पर उपलब्ध ज्यादातर जॉब  12वीं से लेकर आईटीआई और डिप्लोमा की पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त व एक्सपर्ट क्वालिफिकेशन रखने वाले लोगों के लिए स्पेशलाइज्ड मौके भी पोर्टल पर उपलब्ध हैं.


मंत्रालय ने पेश किया अपडेटेड वर्जन


मंत्रालय ने जॉब खोज रहे लोगों को मौके उपलब्ध कराने और कंपनियों को योग्य कर्मचारी खोजने में मदद करने के लिए नेशनल करियर सर्विस पोर्टल की शुरुआत की है. अभी इसका अपडेटेड वर्जन NCS 2.0 लॉन्च किया गया है, जिसे सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैसा किया है. एनसीएस पोर्टल पर जॉब फेयर, अन्य जॉब पोर्टल के एपीआई इंटीग्रेशन और कंपनियों के द्वारा निकाली जाने वाली रिक्तियों के जरिए मौके उपलब्ध कराए जाते हैं.


ये भी पढ़ें: मिनिमम बैलेंस पेनल्टी लगाकर सरकारी बैंकों ने 5 साल में कर ली 8,500 करोड़ की कमाई