National Highway Capex: सड़कें बनाने पर मोदी सरकार का जोर, 9 साल में 5 गुना हुआ राष्ट्रीय राजमार्गों का कैपेक्स
National Highways in India: बुनियादी संरचनाओं खासकर सड़क जैसी कनेक्टिविटी पर मोदी सरकार विशेष ध्यान दे रही है. यह तेजी से बढ़े कैपेक्स से भी पता चलता है...
देश में बुनियादी संरचनाओं के विकास पर केंद्र सरकार विशेष ध्यान दे रही है. खासकर कनेक्टिविटी की संरचनाओं जैसे सड़कों को बनाने पर सरकार ने लगातार ध्यान दिया है. इसका सबूत कैपेक्स के आंकड़ों में भी मिलता है. आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के शुरुआती 9 साल के कार्यकाल में राष्ट्रीय राजमार्गों पर पूंजीगत खर्च करीब 5 गुना बढ़ा है.
इस तरह से बढ़ा एनएच पर कैपेक्स
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में गुरुवार को लोकसभा में कैपेक्स के आंकड़ों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर पूंजीगत खर्च यानी कैपेक्स 2013-14 में करीब 51 हजार करोड़ रुपये था. यह बढ़कर 2022-23 में 2.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया. इसका मतलब हुआ कि 9 सालों के दौरान एनएच पर कैपेक्स करीब 5 गुना हो गया है.
तेजी से बढ़ा बजट में आवंटन
गडकरी ने इस दौरान रोड मिनिस्ट्रि के बजट आवंटन को लेकर भी आंकड़ों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2013-14 में मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन करीब 31,130 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 2023-24 के बजट में 2,70,435 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस तरह पता चलता है कि बीते 10 सालों में रोड मिनिस्ट्री का बजट एलोकेशन साढ़े आठ गुने से भी ज्यादा बढ़ा है.
इस तरह से बढ़ा एनएच का नेटवर्क
बजट एलोकेशन और कैपेक्स बढ़ने से बुनियादी संरचना के मामले में व्यापक बदलाव आया है. गडकरी के जवाब के अनुसार, मार्च 2014 में देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क करीब 91,287 किलेमीटर लंबा था, जो अब 1,46,145 किलोमीटर का हो गया है. सबसे ज्यादा वैसे एनएच नेटवर्क की लंबाई बढ़ी है, जो 4-लेन से ज्यादा हैं. हाई-स्पीड कॉरिडोर समेत 4 से ज्यादा लेन वाले नेशनल हाईवे की लंबाई मार्च 2014 में करीब 18,371 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर करीब 46,179 किलोमीटर हो गई है.
कम हुई 2 से कम लेन वाले सड़कों की लंबाई
वहीं 2 से कम लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क कम हुआ है. पहले मार्च 2014 में ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई करीब 27,517 किलोमीटर थी. अब इनके नेटवर्क की लंबाई करीब 14,870 किलोमीटर रह गई है, जो टोटल एनएच नेटवर्क के महज 10 फीसदी के आस-पास है.
मोदी सरकार का अभी दूसरा कार्यकाल चल रहा है. मोदी सरकार का पहला कार्यकाल मई 2014 में शुरू हुआ था.
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