फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) के मामले में रिटायरमेंट के बाद के समय के लिए प्लान तैयार करना बहुत जरूरी हो गया है. खासकर अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, तब रिटायर होने के बाद फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए अच्छे से प्लान करना जरूरी है, ताकि आप बिना टेंशन के जीवन के अंतिम सालों को जी सकें. इसके लिए 'नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System)' बड़े काम की साबित हो सकती है. इसकी मदद से आप रिटायरमेंट के लिए 2 करोड़ से 6 करोड़ रुपये तक का फंड तैयार कर सकते हैं.


करोड़ों का फंड या हर महीने पेंशन


सबसे पहले आपको बता दें कि यह स्कीम इनकम टैक्स बचाने (Income Tax Savings) में भी मददगार साबित होती है. इसके साथ ही यह स्कीम नौकरी से रिटायर होने के बाद एक अच्छा फंड या हर महीने एक तय रकम की गारंटी भी देती है. सही से योजना बनाकर इस स्कीम में इन्वेस्ट करने से हर महीने 50 हजार रुपये तक की पेंशन का इंतजाम किया जा सकता है या करोड़ों रुपये का फंड तैयार किया जा सकता है, जो रिटायरमेंट के बाद के जीवन में सभी आपके सभी जरूरी खर्चों को पूरा करने का विश्वसनीय जरिया साबित हो सकता है.


पेंशन फंड मैनेजर्स को भी भरोसा


एनपीएस के रिटर्न के आंकड़े भी बड़े शानदार हैं, यही कारण है कि लगभग सभी पेंशन फंड मैनेजर नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत इक्विटी में प्रमुखता से पैसे लगा रहे हैं. मजेदार है कि इसमें निवेश करने वाले ज्यादातर फंड मैनेजर्स दहाई अंकों में यानी 10-10 फीसदी से ज्यादा रिटर्न पाने में कामयाब रहे हैं. एनपीएस ट्रस्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध एनपीएस स्कीम-ई (टिअर-1) के आंकड़ों से इसकी पुष्टि होती है.


इस तरीके से मिला एनपीएस में रिटर्न


आंकड़ों के अनुसार, 15 मई 2009 को लॉन्च होने के बाद अब तक एसबीआई पेंशन फंड ने 10.43 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है. एचडीएफसी पेंशन फंड ने सबसे ज्यादा 14.14 फीसदी का रिटर्न दिया है. इस फंड की शुरुआत 1 अगस्त 2013 को हुई थी. एलआईसी पेंशन फंड ने अब तक 12.24 फीसदी का रिटर्न दिया है. अन्य फंड मैनेजर्स को देखें तो यूटीआई एसआरएल, आईसीआईसीआई पेंशन फंड, कोटक पेंशन फंड और बिड़ला पेंशन फंड ने अपनी-अपनी शुरुआत से अब तक 11-11 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.


देखें करोड़ों के फंड का कैलकुलेशन


ये आंकड़े बताते हैं कि नेशनल पेंशन सिस्टम के सब्सक्राइबर शानदार रिटर्न हासिल करने में कामयाब हो सकते हैं. कम से कम पिछले 10-12 साल के आंकड़े तो यही बताते हैं. उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि आपको इसमें 10 फीसदी का औसत रिटर्न मिल पाता है. ऐसे में आप हर महीने इसमें 5-5 हजार रुपये लगाकर 35 साल में 1.89 करोड़ रुपये, 30 साल में 1.13 करोड़ रुपये और 25 साल में 66 लाख रुपये का फंड तैयार कर सकते हैं. वहीं अगर आप हर महीने 10-10 हजार रुपये लगाते हैं तो 35 साल में 3.8 करोड़ रुपये और 30 साल में 2.26 करोड़ रुपये बना सकते हैं. मंथली इन्वेस्टमेंट को 15 हजार रुपये कर देने पर 35 साल में 5.69 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो सकता है.


इस तरीके से मिलती है पेंशन


अब मंथली पेंशन का हिसाब देखते हैं. नेशनल पेंशन स्कीम को लंबी अवधि का इन्वेस्टमेंट माना जाता है. इसमें आप नौकरी करते हुए थोड़ा-थोड़ा करके पैसे जमा करते हैं, जो रिटायरमेंट के बाद आपको मिलता है. नेशनल पेंशन स्कीम में जमा हुए पैसे इन्वेस्टर्स को दो तरीके से मिलते हैं. आप इसका सीमित हिस्सा एक ही बार में निकाल सकते हैं, जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन के लिए जमा रहेगा, जिससे एन्यूटी (Annuity) खरीदी जाएगी. एन्यूटी खरीदने के लिए जितनी अधिक रकम आप छोड़ेंगे, आपको रिटायर होने के बाद उतनी ही ज्यादा रकम पेंशन के रूप में मिलेगी.


50 हजार मंथली पेंशन का फॉर्मूला


एनपीएस टिअर-1 को रिटायरमेंट के हिसाब से ही तैयार किया गया है. इसमें आप न्यूनतम 500 रुपये जमा कर अकाउंट खुलवा सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद आप एक बार में 60 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं. बाकी 40 फीसदी रकम से एन्यूटीज (Annuities) खरीदी जाती है, जिससे मंथली पेंशन (Monthly Pension) सुनिश्चित होती है. ऐसे में हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन पाने के लिए आपको 2.5 करोड़ रुपये का फंड तैयार करना होगा. ऐसा होने पर आप रिटायरमेंट के बाद 60 फीसदी यानी 1.5 करोड़ रुपये एक बार में निकालेंगे, जबकि बाकी के 01 करोड़ रुपये से एन्यूटी खरीदी जाएगी. सालाना एन्यूटी रेट 6 फीसदी मानकर गणना करें तो इस स्थिति में आपको हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. अगर आप अधिक हिस्से से एन्यूटी खरीदेंगे तो इससे कम फंड से भी बात बन जाएगी.


टैक्स बचाने में भी एनपीएस मददगार


एनपीएस के टिअर-1 अकाउंट में कंट्रीब्यूशन पर और विदड्रॉअल दोनों पर टैक्स से छूट के लाभ मिलते हैं. कंट्रीब्यूशन की बात करें तो एनपीएस टिअर-1 अकाउंट के मामले में अकाउंट होल्डर को इनकम टैक्स एक्ट 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये के टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. वहीं एनपीएस टिअर-1 अकाउंट से निकासी कई गई पूरी रकम को टैक्स से छूट मिलती है. हालांकि एन्यूटी से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी बनती है. इस कमाई को आपकी अन्य सभी कमाइयों में जोड़कर आपका स्लैब निर्धारित होगा और उसी हिसाब से इनकम टैक्स भरना होगा.


ये भी पढ़ें: अडानी समूह पर पुख्ता यकीन, इस इन्वेस्टर ने फिर किया मोटा निवेश, खरीदे 4400 करोड़ के शेयर