नई दिल्लीः नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने टाटा संस के मौजूदा मैनेजमेंट को बड़ा झटका दिया है. आज एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस का दोबारा एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाए जाने का आदेश दिया. दरअसल 24 अक्टूबर 2016 को टाटा संस के बोर्ड ने चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटा दिया गया था. ऐसा रतन टाटा और उनकी कंपनी के बोर्ड के फैसले के बाद हुआ था.


एनसीएलएटी ने अपने दिए आदेश में ये भी कहा है कि टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति गैरकानूनी है और कंपनी को फिर से साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद देना होगा. हालांकि फैसले को अमल में लाने के लिए टाटा संस को चार हफ्ते का समय दिया गया है और उनके पास इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मौका है.


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एनसीएलटी में केस हारने के बाद साइरस मिस्त्री पहुंचे थे एनसीएलएटी
टाटा संस के फैसले के खिलाफ साइरस मिस्त्री ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में दिसंबर 2016 में अपील की थी जिसके बाद जुलाई 2018 में एनसीएलटी ने साइरस मिस्त्री की अर्जी को खारिज कर दिया था. इसके बाद साइरस मिस्त्री इस फैसले के खिलाफ NCLAT पहुंचे थे जहां से उन्हें आज राहत मिल गई है.


एनसीएलटी ने आज दिए अपने फैसले में कहा है कि साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया जाना गलत था. साइरस मिस्त्री टाटा संस के छठे चेयरमैन थे और रतन टाटा के बाद साल 2012 में उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन का पदभार ग्रहण किया था.


टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री पर खराब व्यव्हार का आरोप लगाकर उन्हें चेयरमैन पद से हटाया था. इसके बाद साइरस ने टाटा ग्रुप की छह कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दिया और इस फैसले के खिलाफ एनसीएलटी चले गए थे.


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