Raymond Group: रेमंड को एनसीएलटी से मिली हरी झंडी, बंट जाएंगी समूह की ये कंपनियां
Raymond Group NCLT: रेमंड समूह की रिस्ट्रक्चरिंग की प्रस्तावित योजना में तीन कंपनियां शामिल हैं. उनमें से दो कंपनियों के बिजनेस को अलग किया जाएगा और तीसरी कंपनी का एक में विलय किया जाएगा...
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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने रेमंड समूह को अपनी कंपनियों को रिस्ट्रक्चर करने के लिए मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही समूह के लिए अब अपनी कंपनियों को नए सिरे से स्ट्रक्चर करने की राह पर आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है.
रिस्ट्रक्चरिंग में शामिल हैं 3 कंपनियां
रेमंड समूह की अरेंजमेंट ऑफ रिस्ट्रक्चरिंग की कंपोजिट स्कीम में दो कंपनियों को अलग करने और तीसरी कंपनी को इंटीग्रेट करने का प्रस्ताव शामिल है. प्रस्ताव के तहत रेमंड लिमिटेड और रेमंड लाइफस्टाइल नाम से दो कंपनियों को अलग किया जाएगा. वहीं रे ग्लोबल कंज्यूमर ट्रेडिंग का रेमंड लाइफस्टाइल में विलय किया जाएगा. समूह का मानना है कि इससे उसे अपने बिजनेस को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
शेयरधारकों को ऐसे मिलेंगे नए शेयर
समूह की योजना के हिसाब से रिस्ट्रक्चरिंग के बाद रेमंड लिमिटेड के शेयरधारकों को हर 5 शेयरों के बदले रेमंड लाइफस्टाइल के 4 शेयर मिलेंगे. रेमंड लाइफस्टाइल के शेयरों को उसके बाद शेयर बाजार पर लिस्ट किया जाएगा. वहीं दूसरी ओर रे ग्लोबल कंज्यूमर ट्रेडिंग के शेयरधारकों को हर एक शेयर के बदले रेमंड लाइफस्टाइल के दो इक्विटी शेयर मिलेंगे.
एनसीएलटी के सामने दिया ये तर्क
रेमंड समूह के वकीलों ने एनसीएलटी के सामने तर्क दिया कि समूह की संबंधित कंपनियों के बिजनेस आकार में बड़े हैं और परिपक्व हो चुके हैं. उनका कारोबार अलग है. उनकी विशिष्टता भी अलग है और उनके निवेशक, स्ट्रेटजिक पार्टनर व अन्य संबंधित पक्ष अलग-अलग हैं. अलग होने के बाद वे कंपनियां अलग-अलग निवेशकों को आकर्षित करने में सक्षम होंगी.
इस तरह काम करेंगी कंपनियां
ऐसा माना जा रहा है कि रिस्ट्रक्चरिंग के बाद रेमंड समूह को रेमंड लाइफस्टाइल के माध्यम से उपभोक्ता उत्पाद सेगमेंट में उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी. समूह के अनुसार, रेमंड लाइफस्टाइल का फोकस लाइफस्टाइल से जुड़े उत्पादों और एफएमसीजी पर रहने वाला है. वहीं रेमंड लिमिटेड का फोकस गैर-उपभोक्ता उत्पाद सेगमेंट पर रहने वाला है, जिसमें रियल एस्टेट जैसे बिजनेस शामिल होंगे.
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