Mukesh Ambani Acquisition Reliance Infratel: भारतीय कारोबारी अनिल अंबानी (Anil Ambani) के दिन ठीक नहीं चल रहे हैं. जिसके कारण उनकी रिलायंस इन्फ्राटेल (Reliance Infratel-RITL) कंपनी आज बिकने की कगार पर आ गई हैं. लेकिन उनकी इस कंपनी को उनके भाई देश के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) खरीदने जा रही हैं. इसके लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (National Company Law Tribunal-NCLT) ने रिलायंस इन्फ्राटेल के अधिग्रहण के लिए रिलायंस जियो को सोमवार को मंजूरी दे दी हैं. एनसीएलटी (NCLT) ने जियो को आरकॉम के टावर और फाइबर संपत्तियों के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कह दिया है.


2019 से चल रही डील 
मालूम हो कि रिलायंस जियो (Jio) ने रिलायंस इन्फ्राटेल के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए 6 नवंबर 2019 को एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव दिया था. रिलायंस इन्फ्राटेल दरअसल दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही है. मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने नवंबर, 2019 में अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के प्रबंधन वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी अनुषंगी की टावर और फाइबर सेक्टर की संपत्तियां हासिल करने के लिए 3,720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.


इतने मोबाइल टावर 
समिति ऑफ़ क्रेडिटर्स (COC) ने जियो की समाधान योजना को 4 मार्च, 2020 को शत प्रतिशत मत के साथ मंजूरी दे दी थी. देशभर में आरआईटीएल के पास लगभग 1.78 लाख रूट किलोमीटर की फाइबर संपत्ति और 43,540 मोबाइल टावर है.


RBI ने शुरू की प्रक्रिया 
आपको बता दे कि रिलायंस समूह की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड को दीवालिया घोषित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल ही प्रक्रिया शुरू कर दी थी. RBI ने एनसीएलटी से इजाजत मांगी है. जिसे आज मंजूरी मिल गई हैं.


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