Reliance Capital Auction: रिलायंस कैपिटल की नीलामी प्रक्रिया में नया मोड़, NCLT ने कंपनी के लिए खड़ी की मुश्किल!
Anil Ambani: रिलायंस कैपिटल के दूसरे दौर की बोली की योजना पर एनसीएलटी ने रोक लगा दी है. कंपनी इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रही है.
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Reliance Capital Debt: कर्ज में डूब चुकी अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल की बिक्री को लेकर एक नया मोड़ आ चुका है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के एक फैसले से कंपनी की लेंडर्स कमिटी की मुश्किल और बढ़ चुकी है. कंपनी अब NCLT के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रही है.
दरअसल, रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने कंपनी के लिए नए सिरे से दोबारा बोली लगाने के लिए योजना बना रही थी. हालांकि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 2 फरवरी को कमिटी के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. NCLT ने नए सिर से बोली आयोजित करने को इंसॉल्वेसी और बैंकरप्सी कोड के नियमों का उल्लंघन बताया है.
किस कंपनी ने लगाई थी सबसे अधिक बोली
रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए टोरेंट इंवेस्टमेंट्स ने सबसे अधिक बोली लगाई थी. टोरेंट ने 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जबकि बोली समाप्त होने के बाद हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) ने 9,000 करोड़ रुपये की बोली पेश की थी. ऐसे में जब रिलायंस कैपिटल ने दूसरे बोली के लिए जाने का फैसला किया तो टोरेंट इंवेस्टमेंट ने NCLT का दरवाजा खटखटाया था.
दूसरे दौर के बोली के लिए क्यों गई कंपनी
पहले दौर की नीलामी दिसंबर, 2022 में समाप्त हो चुकी थी, जिसमें टोरेंट इंवेस्टमेंट ने सबसे अधिक बोली लगाई. हालांकि जब हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) ने नीलामी समाप्त होने के बाद इससे भी अधिक बोली पेश की तो रिलायंस कैपिटल की लेंडर्स कमिटी (Reliance Capital Lenders Committee) ने कंपनी के कुल एसेट्स के बेहतर वैल्यू के लिए दोबारा बोली लगाने की योजना बनाई. हालांकि इस प्लान पर एनसीएलटी ने रोक लगा दी है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब रिलायंस कैपिटल कंपनी सुप्रीम कोर्ट जाने के बारे में विचार कर रही है. बता दें कि कंपनी के लेंडर्स कमिटी का रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital Debt) पर 40 हजार रुपये का कर्ज है.
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