नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने UPI Autopay फीचर लॉन्च कर दिया है. यह फीचर यूपीआई प्लेटफॉर्म पर 2000 रुपये तक का पेमेंट बगैर यूपीआई पिन डाले करने की इजाजत देगा. इसके लिए कस्टमर को सिर्फ एक बार ई-मैंडेट सेट करना होगा. NPCI के मुताबिक ग्राहक अब UPI ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करके रेकरिंग पेमेंट जैसे मोबाइल बिल, बिजली के बिल, EMI भुगतान, एंटरटेनमेंट, ओटीटी सब्सक्रिप्शन, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड और लोन अदायगी में 2000 रुपये तक का अमाउंट बिना पिन डाले ऑटोमेटिक कर सकेंगे. 2000 रुपये से अधिक के पेमेंट के लिए UPI पिन डालना होगा.
ऑटो डेबिट की सुविधा
यूपीआई ऑटो पे फीचर में रेगुलर पेमेंट के लिए ऑटो डेबिट अकाउंट होगा. कस्टमर ये ऑप्शन चुन सकता है. इसमें एक मैंडेट सेक्शन होगा जिसके जरिये कस्टमर ऑटो डेबिट सेक्शन को क्रिएट, अप्रूव, मोडिफाई या पॉज कर सकता है या इसे हटा भी सकता है. दो हजार रुपये से कम के पेमेंट के लिए ग्राहक को अब अपने अकाउंट को सिर्फ एक बार अपने यूपीआई पिन से प्रमाणित (Authenticate) करना होगा. इसके बाद हर महीने 2000 रुपये तक के पेमेंट खुद ब खुद हो जाएंगे. इसके लिए यूपीआई पिन की जरूरत नहीं होगी. लेकिन 2000 रुपये से ऊपर के पेमेंट के लिए यूपीआई पिन डालना होगा.
कई बैंकों और कंपनियों के लिए यूपीआई ऑटो पे फीचर शुरू
NPCI ने एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, एचएसबीसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, पेटीएम पेमेंट बैंक, ऑटो-पे दिल्ली मेट्रो, ऑटो पे-डिश टीवी, सीएएमएस पे, फर्लन्को, ग्रोफिटर, पॉलिसी बाजार, टेस्टबुक.कॉम, द हिंदू, टाइम्स प्राइम, पेटीएम, पेयू, रेजर पे के लिए यूपीआई ऑटो पे शुरू कर दिया है. यस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और जियो पेमेंट्स बैंक जल्द ही यूपीआई ऑटो पे शुरू करेंगे. इससे यूपीआई कस्टमर हर महीने अपने बिल का भुगतान बगैर भूले कर सकेंगे.
भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई काफी लोकप्रिय विकल्प बन चुका है. इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट 2019 के मुताबिक पिछले साल यूपीआई के जरिये 18,36,000 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ. यह 2018 की तुलना में 214 फीसदी अधिक है. अगस्त, 2016 में अस्तित्व में आने के बाद 2019 में एक महीने में एक अरब ट्रांजेक्शन को पार करने वाला यूपीआई पहला प्रोडक्ट है.