Nephro Care IPO: एचडीएफसी बैंक के पूर्व चेयरमैन और बैंकिंग सेक्टर के दिग्गज दीपक पारेख (Deepak Parekh) के समर्थन वाली कंपनी नेफ्रो केयर इंडिया लिमिटेड (Nephro Care India) भी आईपीओ की तैयारियों में जुट गई है. कंपनी ने एनएसई इमर्ज (NSE Emerge) को आईपीओ से जुड़े दस्तावेज (DRHP) सौंप दिए हैं. यह हेल्थकेयर कंपनी एसएमई कैटेगरी में आईपीओ लेकर आएगी. 


आईपीओ के पैसों से बनाएगी मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल


डीआरएचपी के अनुसार, कंपनी अपने आईपीओ के जरिए 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 45,84,000 फ्रेश इक्विटी शेयर बेचेगी. नेफ्रो केयर के मंगलवार को बताया कि आईपीओ से आने वाले पैसे का इस्तेमाल एक मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने में किया जाएगा. यह अस्पताल पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मध्यमग्राम में बनेगा. इस अस्पताल में लगभग 100 बेड होंगे और 30 बेड क्रिटिकल केयर यूनिट में होंगे. यहां पर आईसीयू, एचडीयू, आरटीयू और एनआईसीयू की सुविधा भी होगी. इसके अलावा नेफ्रो केयर का यह अस्पताल कार्डियोलॉजी, ओंकोलोजी, गैस्ट्रोएंट्रोलोजी समेत कई तरह की मेडिकल सेवाएं उपलब्ध कराएगा. बचे हुए पैसों का इस्तेमाल कंपनी सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों की पूर्ती के लिए करेगी. 


पिछले साल दिसंबर में किया था प्री आईपीओ फंडिंग राउंड


पिछले साल दिसंबर में इस हेल्थकेयर कंपनी ने प्री आईपीओ फंडिंग राउंड किया था. इसमें दीपक पारेख के अलावा एचडीएफसी सिक्योरिटीज के चेयरमैन भारत शाह और मैकलोड्स फार्मा के फाउंडर एवं एमडी राजेंद्र अग्रवाल भी शामिल हुए थे. कंपनी का हेडक्वार्टर कोलकाता में है. इस आईपीओ के लिए कॉरपोरेट कैपिटल वेंचर्स को बुक रनिंग लीड मैनेजर और बिगशेयर सर्विसेज को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है. 


मुनाफे में चल रही नेफ्रो केयर इंडिया लिमिटेड


नेफ्रो केयर की स्थापना साल 2014 में डॉक्टर प्रतिम सेनगुप्ता ने की थी. इसका मुख्य उद्देश्य गुर्दे की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को उचित इलाज उपलब्ध कराने की थी. वित्त वर्ष 2023-24 के शुरुआती 9 महीनों में कंपनी का रेवेन्यू 19.90 करोड़ रुपये और प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 3.4 करोड़ रुपये रहा था. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का रेवेन्यू 17.09 करोड़ रुपये और प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 1.94 करोड़ रुपये रहा था.


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