Direct Tax Collection: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में अच्छा इजाफा, 11 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 3.80 लाख करोड़ रुपये रहा
Direct Tax Collection: वित्त मंत्रालय ने ये जानकारी दी है कि चालू वित्त वर्ष में 17 जून तक देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 11.18 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 3.80 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
Direct Tax Collection: जून में अभी तक एडवांस टैक्स कलेक्शन में अच्छा इजाफा देखा गया है. इसके आधार पर कहा जा सकता है कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में देश का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा अच्छा रहने वाला है. चालू वित्त वर्ष में 17 जून तक देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 11.18 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 3.80 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अभी तक केंद्र का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 3,79,760 करोड़ रुपये रहा है और इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में ये डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 3,41,568 करोड़ रुपये पर रहा था.
एडवांस टैक्स कलेक्शन का 17 जून तक का आंकड़ा
एडवांस टैक्स कलेक्शन के कारण यह बढ़ोतरी देखी गई है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में एडवांस टैक्स कलेक्शन 17 जून तक 1,16,776 लाख करोड़ रुपये रहा. यह पिछले साल की समान अवधि से 13.70 फीसदी ज्यादा है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 17 जून तक 3,79,760 करोड़ रहा, जिसमें कॉरपोरेट कर (सीआईटी) के 1,56,949 करोड़ रुपये शामिल हैं. सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत इनकम टैक्स के रूप में 2,22,196 करोड़ रुपये जमा हुए.
कॉरपोरेट टैक्स के भी अच्छे आंकड़े
ग्रॉस आधार पर, रिफंड को एडजस्ट करने से पहले कलेक्शन 4.19 लाख करोड़ रुपये था. यह राशि सालाना आधार पर 12.73 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाती है. इसमें कॉरपोरेट टैक्स के 1.87 लाख करोड़ रुपये और सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स सहित व्यक्तिगत इनकम टैक्स के 2.31 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं. रिफंड राशि 17 जून तक 39,578 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा है.
ये आंकड़े अच्छे संकेत क्यों हैं
वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में एडवांस टैक्स कलेक्शन 13.7 फीसदी की बढ़त के साथ 116,776 करोड़ रुपये पर रहा है जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 102,707 करोड़ रुपये पर रहा था. एडवांस टैक्स कलेक्शन में अच्छा इजाफा इस बात का संकेत है कि टैक्स के दायरे में और अधिक विस्तार हो रहा है.
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