चालू वित्त वर्ष में शुरुआती सुस्ती के बाद एक बार फिर से नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में तेजी आने लगी है. कॉरपोरेट मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि पिछले महीने यानी जून में नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में सालाना आधार पर 12 फीसदी की तेजी दर्ज की गई.
जून में बनाई गईं इतनी नई कंपनियां
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जून में देश भर में 15,375 नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन हुआ. इस आंकड़े में देश में रजिस्ट्रेशन कराने वाली विदेशी कंपनियों का आंकड़ा भी शामिल है. इससे ठीक एक साल पहले जून 2023 में 13,696 नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. इस तरह देखें तो साल भर पहले की तुलना में पिछले महीने 12 फीसदी ज्यादा नई कंपनियां रजिस्टर हुईं.
एलएलपी के मामले में आई जबरदस्त तेजी
एलएलपी (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप) के मामले में तो रजिस्ट्रेशन में जबरदस्त उछाल देखी गई. जून महीने में एलएलपी इनकॉरपोरेशन में सालाना आधार पर 73 फीसदी की तेजी आई. इस साल जून महीने में 6,362 एलएलपी बनाए गए, जबकि साल भर पहले जून 2023 में यह आंकड़ा 3,672 रहा था.
तिमाही के हिसाब से ऊपर निकला आंकड़ा
जून महीने से पहले चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीने में नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में सुस्ती देखी जा रही थी. हालांकि जून महीने की शानदार तेजी ने सुस्ती को बेअसर कर दिया है और पूरी तिमाही के हिसाब से आंकड़ा हल्का ऊपर निकल गया है. पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2023 के दौरान 47,318 नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2024 के तीन महीनों में यह आंकड़ा 47,438 पर रहा. पूरी तिमाही के हिसाब से एलएलपी के मामले में 29 फीसदी की तेजी आई और आंकड़ा 17,722 पर रहा.
इन कारणों से सुधर रहा है माहौल
एनालिस्ट मानते हैं कि नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में तेजी से भारत के आर्थिक परिदृश्य के बेहतर होने का पता चलता है. सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के उपाय कर रही है. देश में कारोबार करने के माहौल को बेहतर बनाने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर काम किया जा रहा है. इनके अलावा भारतीय शेयर बाजार शानदार रैली के रथ पर सवार हैं. ये सारे फैक्टर मिलकर नए निवेश को और नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को प्रोत्साहित कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: 18 हजार करोड़ का मामला, कंपनी का निकला दिवाला! आधा रह गया शेयर का भाव