देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते माहौल से निवेशकों में घबराहट फैल गई है. शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट का रुख रहा. बुधवार को सेंसेक्स 562.34 प्वाइंट गिर कर 49,801.62 पर पहुंच गया. दरअसल महाराष्ट्र समेत देश के कुछ राज्यों में कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी कर दिया है. इस वजह से शेयर बाजार के निवेशकों में घबराहट का आलम है . यही वजह है कि बुधवार को शेयर बाजार ने लगातार चौथे दिन गिरावट का सामना किया. लगातार चार दिनों की गिरावट की वजह से निवेशकों के 5.5 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं.


ग्लोबल ट्रेंड से निवेशकों का रवैया सतर्क 


अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक और अंतरराष्ट्रीय कच्चा तेल बाजार में कीमतों के बढ़ने से निवेशकों ने सतर्क रुख अपना लिया है. इसका असर घरेलू बाजार पर पड़ा है. इससे बाजार में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि बाजार में बिकवाली शुरू हो गई है. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की मार्केट कैपिटाइलजेशन पहले 5,55,400.52 करोड़ रुपये थी लेकिन अब यह घट कर 2,03,71,252.94 करोड़ रुपये रह गया.


फेड  रिजर्व के फैसले के बाद ग्लोबल मार्केट में तेजी 


हालांकि गुरुवार को अमेरिका में फेड रिजर्व ने कहा कि देश की आर्थिक ग्रोथ करीब 40 सालों में सबसे मजबूत है. इसलिए ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है. फेड रिजर्व के संकेतों से ऐसा लगता है कि 2023 तक ब्याज दर लगभग शून्य के स्तर पर रहेगी. फेड के इस रुख से गुरुवार को दुनियाभर के बाजारों में बढ़त दिखी. अमेरिका का डाउ जोंस 0.58 फीसदी चढ़कर 33,015 अंकों पर बंद हुआ. वहं नैस्डैक और एस एंड पी 500 इंडेक्स में बढ़त दर्ज की गई. जापान का निक्केई इंडेक्स 1.05 फीसदी ऊपर 30,227 पर कारोबार कर रहा है. हांगकांग के हेंगसेंग इंडेक्स में भी 1.51 फीसदी की बढ़त दिखी.


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