केंद्र सरकार ने बजट 2020 में नई कर व्यवस्था को पेश किया था. यह व्यवस्था वित्त वर्ष 2020-21 से प्रभावी हो गई है. केंद्र सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा करदाता नई कर व्यवस्था को अपनाएं. इसी कारण सरकार ने इसे लगातार सरल बनाने का प्रयास किया है. इस बार के बजट में भी सरकार ने नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए कुछ बदलाव प्रस्तावित किया है. हालांकि इसके बाद नई कर व्यवस्था को लेकर करदाताओं के मन में कई संशय व सवाल हैं. आज हम आपके ऐसे ही कुछ सवालों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं...


नई कर व्यवस्था में इनकम टैक्स के स्लैब और रेट क्या हैं?


इस साल के बजट में किए गए बदलाव के बाद नई कर व्यवस्था के तहत कुल छह स्लैब हैं. इसके तहत तीन लाख रुपये तक की सालना आय टैक्सफ्री है. तीन लाख से छह लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. इसी तरह 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर 10 फीसदी की दर से, 9 लाख से 12 लाख रुपये की आय पर 15 फीसदी की दर से, 12 लाख से 15 लाख रुपये तक की कमाई पर 20 फीसदी की दर से और 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा.


नई कर व्यवस्था के तहत बेसिक छूट की लिमिट क्या है?


नई कर व्यवस्था में पहले 2.50 लाख रुपये तक की कमाई ही टैक्सफ्री थी, लेकिन ताजा बजट में इसे बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है. इसका मतलब हुआ कि अगर आप हर साल तीन लाख रुपये तक कमा रहे हैं तो आपके ऊपर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी.


नई कर व्यवस्था के तहत सरचार्ज अमाउंट क्या है?


इनकम टैक्स के तहत यह सरचार्ज अभी तक वैसे लोगों पर लगता थ, जिनकी सालाना कमाई पांच करोड़ रुपये से ज्यादा थी. उन्हें अब तक 37 फीसदी सरचार्ज देना होता था. सरकार ने नई कर व्यवस्था में इसे घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है, जबकि अब पांच करोड़ के बजाय 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई पर सरचार्ज देना होगा.


क्या नई कर व्यवस्था अनिवार्य है?


नई कर व्यवस्था अनिवार्य नहीं है. सरकार की मंशा है कि आने वाले समय में एक ही कर व्यवस्था रहे, लेकिन अभी नई के साथ-साथ पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प भी मौजूद है.


नई कर व्यवस्था के डिफॉल्ट होने का क्या मतलब है?


नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट किए जाने से ये होगा कि अगर आप कोई विकल्प नहीं चुनते हैं तो मान लिया जाएगा कि आपने नई कर व्यवस्था को चुना है. इसके लिए एम्पलॉयर्स को भी कहा गया है कि अगर कर्मचारी अपने से कोई विकल्प नहीं चुने तो नई कर व्यवस्था के स्लैब व रेट के हिसाब से टैक्स काटें. हालांकि इसके बाद भी रिटर्न भरते समय विकल्प चुनने की सुविधा मिलती रहेगी.


नई कर व्यवस्था के तहत कैसी राहतें उपलब्ध हैं?


इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत टैक्स राहत दी जाती है. इसके तहत 01 अप्रैल 2023 से नई कर व्यवस्था में वैसे करदाताओं को 25 हजार रुपये की राहत मिलेगी, जिनकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है. वहीं पुरानी कर व्यवस्था के तहत 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले करदाताओं को 12,500 रुपये की राहत मिलेगी.


अगर आपके मन में नई कर व्यवस्था को लेकर और भी सवाल हैं, तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जवाब पा सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर नई कर व्यवस्था, पुरानी कर व्यवस्था समेत इनकम टैक्स से जुड़े तमाम विषयों पर एफएक्यू के रूप में सवाल-जवाब उपलब्ध हैं.


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