वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आयकर विभाग (IT Department) ने नए आईटीआर रिटर्न फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है. इस बात की जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने दी है. सीबीडीटी ने ये भी कहा है कि कोरोना संक्रमण महामारी और टैक्सपेयर्स की सुविधा का खास ख्याल रखते हुए पुराने फॉर्म की तुलना में नए आईटीआर फार्म में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं. सिर्फ कुछ जरूरी चेंजेस को ही इनकम टैक्स एक्ट 1961 में संशोधनों के मद्देनजर रखा गया है.


जानिए कौन सा फॉर्म किसे भरना है


अब टैक्सपेयर्स के पास आईटीआर फॉर्म - सहज (ITR-1), फॉर्म ITR-2, फॉर्म ITR-3, फॉर्म ITR-4 (सुगम), फॉर्म ITR-5, फॉर्म ITR-6, फॉर्म में से प्रत्येक में जगह होगी. सीबीडीटी ने कहा कि उनके इंवेस्टमेंट को डिसक्राइब करने के लिए आईटीआर -7 और फॉर्म आईटीआर-वी हैं. बता दें कि आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल रूप हैं जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए हैं.  सहज को individual 50 लाख तक की आय वाले व्यक्ति द्वारा फाइल किया जा सकता है यानी जिनकी आमदनी सिर्फ सैलरी. एक घर से या ब्याज जैसे अन्य स्रोतों से होती है.


इन टैक्सपेयर्स को भरना हैं सुगम फॉर्म


वहीं सुगम फॉर्म वे लोग, हिंदू अनिडिवाइडेड फैमिली (HUF) और फर्म द्वारा फाइल किया जाता है जिनकी आमदनी 50 लाख रुपये तक होती है और ये आय बिजनेस या किसी प्रोफेशन से होती है. बता दें कि जिन individuals की और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली की इनकम बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं होती है वे सहज की बजाय आईटीआर-2 फाइल कर सकते हैं. वहीं जिनकी इनकम बिजनेस या किसी अन्य प्रोफेशन से होती है वे आईटीआर-3 फराम भर सकते हैं.


इनके अलावा individual और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली और कंपनियों के अलावा जैसे पार्टनशिप फर्म, एलएलपी आईवाईटीआर -5 (IYTR-5) भर सकते हैं. वहीं कंपनियों द्वारा आईटीआर फॉर्म 6 भरा जा सकता है. इसके साथ ही ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टियां और चैरिटेबल इंस्टिट्यूशन, जो भी आयकर अधिनियम के अंतर्गत छूट क्लेम करते हैं, वे आईटीआर फॉर्म-7 भरने के पात्र हैं.


आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जारी किया रिफंड


इस बीच, आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 में 2.38 करोड़ से अधिक करदाताओं को 2.62 लाख करोड़ से अधिक के रिफंड जारी किए हैं. गौरतलब है कि ये रिफंड 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच का जारी किया गया है. जिसमें व्यक्तिगत आयकर मामले में 2.34 करोड़ करदाताओं को 87,749 करोड़ रुपये जबकि कंपनी टैक्स के 3.46 लाख मामलों में 1.74 लाख करोड़ रुपये रिफंड किए गए हैं.


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